अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देने के प्रयास में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान, अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान में मानवीय संकट और अस्थिरता से बचने के लिए समूह के साथ जुड़ने का आग्रह कर रहे हैं।
इस्लामाबाद। एक तरफ पूरी दुनिया अभी अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान शासन (Taliban Government) की मान्यता को लेकर पशोपेश में है तो दूसरी ओर पाकिस्तान (Pakistan) ने वैश्विक समुदाय को दरकिनार कर अफगानिस्तान का दूतावास इस्लामाबाद (Islamabad) में चालू करा दिया है। इस्लामिक अमीरात (Islamic Emirates) तालिबान के राजनयिकों (Diplomats)ने पाकिस्तान में अफगानिस्तान के मिशनों में काम करना शुरू कर दिया है।
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में अफगान दूतावास और तीन प्रांतीय राजधानियों, कराची, पेशावर और क्वेटा में अफगान वाणिज्य दूतावास में तालिबान राजनयिकों ने काम करना शुरू कर दिया है। सरदार मुहम्मद शोकैब, जिन्हें मोसा फरहाद के नाम से भी जाना जाता है, ने इस्लामाबाद में अफगान दूतावास में पहले सचिव के रूप में कार्यभार संभाला है। तो हाफिज मोहिबुल्लाह ने पेशावर में काम करना शुरू कर दिया है। मुल्ला गुलाम रसूल को दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में तैनात किया गया है, जबकि तालिबान के एक अन्य वरिष्ठ नेता मुल्ला मुहम्मद अब्बास को कराची वाणिज्य दूतावास में नियुक्त किया गया है।
पाकिस्तान ने कहा-तालिबान को दी है दूतावास के लिए अनुमति
पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने तैनाती की अनुमति दी है। हालांकि, पाकिस्तान ने अभी तक तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। काबुल में पाकिस्तान के राजदूत मंसूर खान के अनुसार तालिबान के अधिकारियों को वीजा पाकिस्तान ने जारी कर दिया है।
पाकिस्तान के राजदूत ने कहा, "ये वीजा मानवीय कार्यों के लिए अफगानिस्तान जाने वाले पाकिस्तानियों के लिए कांसुलर कार्य और वीजा सुविधाओं की सुविधा और पाकिस्तान में अफगान नागरिकों को सहायता प्रदान करने के लिए जारी किए गए हैं।वीजा जारी करने का मतलब मान्यता नहीं बल्कि सुविधा है।"
पाकिस्तान लगातार विश्व समुदाय को मान्यता देने का कर रहा प्रयास
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देने के प्रयास में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान, अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान में मानवीय संकट और अस्थिरता से बचने के लिए समूह के साथ जुड़ने का आग्रह कर रहे हैं।
अफगानी राजदूत की बेटी के अपहरण के बाद लिया था यह फैसला
अफगानिस्तान ने जुलाई 2021 में इस्लामाबाद से अपने राजदूत और वरिष्ठ राजनयिकों को अफगानिस्तान के राजदूत नजीबुल्लाह अलीखिल की बेटी के कथित अपहरण और यातना के विरोध में वापस बुला लिया था। राजदूत की बेटी सिलसिला अलीखिल ने कहा कि जब वह इस्लामाबाद में खरीदारी कर रही थी तो उसका अपहरण कर लिया गया और अज्ञात लोगों ने घंटों पीटा। पाकिस्तान ने घटना की जांच की लेकिन इस बात से इनकार किया कि उसका अपहरण किया गया था।
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