दरवाजे पर खड़ी थी मौत, धमका रहे थे हमास आतंकी, इजराइल में भारतीय नर्सों ने दिखाई बहादुरी

इजराइल पर हमास के हमले के दौरान भारत की दो नर्सों ने ऐसी बहादुरी दिखाई कि अब अरब और इजराइल मीडिया में उनकी खूब चर्चा हो रही है। दोनों ने जिस तरह अपने बुजुर्ग मरीजों बचाया उसकी कहानी कई अखबारों में बताई गई है।

 

Satyam Bhardwaj | Published : Oct 26, 2023 10:27 AM IST

Israel Hamas War : इजराइल-हमास के बीच जंग की शुरुआत 7 अक्टूबर को तब हुई, जब हमास आतंकियों ने अचानक से इजराइल पर हमले कर दिए। सैकड़ों की संख्या में हमास लड़ाके गाजा से सटे इजराइली शहरों में घुस आए और इजराइलियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इसी में एक शहर निर ओ किबुत्ज भी है जो हमास की बेहरमी का शिकार हुआ है। यहां कई लोगों को जान से मार दिया गया। यहीं के एक घर में बुजुर्ग दंपति भी रहता था, जिनकी देखभाल भारत के केरल की दो नर्स कर रही थीं। दोनों नर्सें बुजुर्ग को अम्मची (मां) और अप्पचन (पिता) कहकर बुलाती हैं। अपनी बहादुरी दिखाते हुए दोनों ने दरवाजे पर मौत देखकर भी हिम्मत नहीं हारी और 12 घंटे तक भूखे-प्यासे रहकर बुजुर्ग की जान बचाई। इन दोनों नर्सों का नाम सबिता बेबी और मीरा मोहनन है। दोनों की उम्र करीब 34 साल है। UAE अखबार 'द नेशनल' में इनकी बहादुरी और समझदारी की कहानी छपी है। आइए जानते हैं उस दिन क्या हुआ था...

जब कांप उठा पूरा शहर

Latest Videos

सबिता बेबी बताती हैं कि '7 अक्टूबर की सुबह करीब 6 बज रहे थे। मेरी नाइट शिफ्ट ओवर हो चुकी थी और मीरा चार्ज लेने आ गई थीं। हम दोनों 76 साल की राहेल और उनके 85 साल के पति शोलिक (85) की देखभाल करते हैं। दोनों कपल बीमार हैं और हमेशा बिस्तर पर ही रहते हैं। कुछ ही दूर पर इनकी बेटी का घर है, जो अपनी फैमिली के साथ रहती है। मैं घर निकलने ही वाली थी कि एकाएक कम्युनिटी अलार्म बज उठा। इसका मतलब था कि कोई बड़ा खतरा बाहर मौजूद है। तभी बुजुर्ग की बेटी ने मुझे कॉल कर बताया कि बाहर आतंकी आ गए हैं। फौरन घर के दरवाजे-खिड़कियां लॉक कर लीजिए। इतना सुनते ही मैं और मीरा पूरी तरह डर गए। तभी यह भी ख्याल आया कि अम्मची और अप्पचन की जिम्मेदारी भी तो हमारे ही ऊपर है। फिर क्या हमने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की।'

दरवाजे पर खड़ी थी मौत, धमका रहे थे आतंकी

सबिता ने आगे बताया कि, 'बाहर का बढ़ता शोर हमारी धड़कने बढ़ा रहा था। घर की खिड़खियों के शीशे तोड़े जा रहे थे। हम जिस घर में रहते हैं, उसमें एक सेफ कमरा भी है, जिसके दरवाजे लोगे से बने हैं। चूंकि वक्त कम था तो तुरंत हमने बुजुर्क कपल को उस कमरे में शिफ्ट कर खुद भी वहीं छिप गए और दरवाजा लॉक कर उसे पूरी ताकत से पकड़े रहे। तभी अचानक से गेट पर फायरिंग होने लगी। गोलियों के अनगिनत निशान हमारे डर को और भी बढ़ा दिया। घर के दूसरे कमरों से अरबी में चिल्लाने और तोड़फोड़ की आवाजे तेज हो गई थी। आतंकी घर के अंदर घुस आए थे। काफी देर तक वे वहीं रूके रहे और हमासी सांसे बढ़ी रहीं। तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया और इंग्लिश में कहा- हम आपको बचाने आए हैं लेकिन तभी अरबी में एक आवाज आई और हम समझ गए कि यह हमें झांसा देने की कोशिश की जा रही है। हमनें अपनी सांसे रोकी, खांसी दबाया ताकि आतंकियों को लगे की घर खाली है और उसमें कोई नहीं है।'

12 घंटे तक भूख-प्यास रोके रखा

'दोपहर 1 बजे तक ऐसा ही सिलसिला चलता रहा। तभी तक युद्ध शुरू हो गया था। बाहर इजराइली जवान पहुंच चुके थे और हमें इसी रूम में रहने को कहा, हम सभी 12 घंटे तक बिना कुछ खाए-पिए पड़े रहे। हमारे मरीजों के लिए न खाना था, न दवाईयां। जब बाहर आए तो सबकुछ तहस-नहस था। हर कीमती सामान यहां तक व्हील चेयर भी आतंकी उठा ले गए थे। लैपटॉप तक को नहीं छोड़ा था। अब हमारे दोनों मरीज तेल अवीव के शेल्टर होम में हैं। भगवान का शुक्र है कि हम हमारे अम्मची और अप्पचन जिंदा है। लेकिन उस दिन जो हुआ वह डर कई सालों तक हम भूल नहीं पाएंगे।'

इसे भी पढ़ें

कहां से निकलेगा इजराइली बंधकों की रिहाई का रास्ता? हमास के प्रभावशाली शख्स ने बताया

 

 

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

Kolkata RG Kar Medical Collage Case LIVE: कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले की सुनवाई
UPI से क्रेडिट कार्ड तक, 1 अक्टूबर 2024 से बदल जाएंगे ये 10 नियम
नवरात्र 2024: नोट कर लें 03 अक्टूबर को कलश स्थापना के 6 सबसे शुभ मुहूर्त
500 के नोट पर अनुपम खेर की तस्वीर, एक्टर ने पकड़ा माथा-जानें वायरल वीडियो का सच। Anupam Ker
Kolkata RG Kar Medical Collage Case LIVE: कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले की सुनवाई