एशियानेट सुवर्णा न्यूज के संपादक अजीत हनामक्कनवर युद्ध को इजरायल से कवर कर रहे हैं। युद्धक्षेत्र से रिपोर्टिंग करते हुए उन्होंने बताया है कि इजरायल के लोग हमास के हमले के बाद बदला लेने और अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए किस कदर दृढ़ संकल्पित हैं।
तेल अवीव (Ajit Hanamakkanavar)। फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने सात अक्टूबर को इजरायल पर अब तक का सबसे भीषण हमला किया था। इसके चलते 1300 से अधिक लोगों की जान गई है। इजरायल ने हमले के बाद हमास के खिलाफ जंग का ऐलान किया है। सोमवार को लड़ाई का 10वां दिन है। एशियानेट सुवर्णा न्यूज के संपादक अजीत हनामक्कनवर युद्ध को इजरायल से कवर कर रहे हैं। युद्धक्षेत्र से रिपोर्टिंग करते हुए उन्होंने बताया है कि इजरायल के लोग हमास के हमले के बाद बदला लेने और अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए किस कदर दृढ़ संकल्पित हैं। आगे पढ़ें हनामक्कनवर की रिपोर्ट...
जैसे ही मैं इजराइल में विमान से उतरा देखा कि वहां बड़ी संख्या में बुजुर्ग अपने बच्चों का स्वागत करने के लिए खड़े थे। मैं आश्चर्यचकित हुए बिना नहीं रह सका कि उनके बच्चे क्रूर युद्ध में उलझे देश में क्यों आ रहे थे। वह कौन सी बात है कि बुजुर्ग युवाओं का स्वागत करने एयरपोर्ट आए हैं। इस सवाल का जवाब जानने की कोशिश की तो पता चला कि जो इजरायली शिक्षा, यात्रा या कई अन्य कारणों से विदेश गए थे अब हमास के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने के लिए अपनी मातृभूमि लौट रहे थे। उनका उत्साह और दृढ़ संकल्प साफ झलक रहा था।
तेल अवीव में सामान्य है जनजीवन
हमास ने इजरायल पर अब तक का सबसे भीषण हमला किया है। अब पूरा इजराइल बदला लेने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इजराइल के सैनिक और आम लोग इस संघर्ष में योद्धा के रूप में आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। हमारी यात्रा हमें बेंगलुरु से अबू धाबी और अंत में इजरायल की युद्धग्रस्त राजधानी तेल अवीव तक ले गई। गाजा सीमा पर तनाव के बावजूद राजधानी में जनजीवन सामान्य दिखा।
लोगों के लिए आम बात हो गई है सायरन की आवाज
तेल अवीव के लोगों के लिए सायरन की आवाज आम बात हो गई है। सायरन बजने पर भी लोग ज्यादा डरे हुए नहीं दिखे। हमास के आतंकियों द्वारा लॉन्च किए गए रॉकेटों में तेल अवीव को नुकसान पहुंचाने के लिए जरूरी ताकत नहीं होती। रॉकेट फायर होने ही पूरे शहर में सायरन बजने लगते हैं। लोग अपनी सुरक्षा के लिए बंकरों में शरण लेते हैं। जिस होटल में हम ठहरे थे, उसने हमारी सुरक्षा के लिए बंकर भी उपलब्ध था। हमें बताया गया था कि सायरन सुनने पर वहां शरण लेनी है। शनिवार रात 9:01 बजे सायरन बज उठा। सायरन की आबाज सुनाने के लिए होटल के सभी कमरों में स्पीकर लगाए गए हैं। सायरन बजने के तुरंत बाद हमने होटल की खिड़की से एक मिसाइल देखी।
इजराइल में हर कोई योद्धा
हमास से बदला लेने के लिए इजराइल का हर नागरिक एक योद्धा बन गया है। हवाई अड्डे पर हमने बुजुर्गों के दिल छू लेने वाले दृश्य देखे। वे राष्ट्रीय ध्वज थामे हुए थे। सेना में शामिल होने के लिए विदेश से लौट रहे अपने बच्चों के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। हम तेल अवीव से 55 किमी दूर अश्कलोन शहर गए। यहां हमास के आतंकियों ने हमला किया था। यहां से गाजा पट्टी की सीमा 10 से 12 किमी दूर है। इसके बाद हम बीरी शहर गए। यहां भी हमास के आतंकवादियों ने हमला किया था। यह गाजा से लगभग 8 से 10 किमी दूर है।
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गाड़ी चलाने के दौरान हमें एक मिसाइल दागे जाने की आवाज मिली। हमने कार रोकी और ऊपर की ओर देखा तो एक मिसाइल विस्फोट हुआ था। इस क्षेत्र में इजरायली सेना की भारी मौजूदगी है। हमने कड़े सुरक्षा उपायों के साथ बड़ी संख्या में सैन्य वाहन और टैंक देखें। हमास आतंकवादियों द्वारा किए गए अत्याचारों का बदला लेने के लिए बड़ी संख्या में इजरायली सैनिक यहां एकत्र हुए हैं।
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इजरायल के लोग विनाशकारी हमलों के बाद अपने देश के पुनर्निर्माण में जुट गए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है, "हमने शुष्क रेगिस्तान में एक सुंदर राष्ट्र बनाया है, फिर भी हमें यहां रहने नहीं दिया जा रहा है।" इसके विपरीत, फिलिस्तीनियों का तर्क है कि यह मूल रूप से उनकी जमीन थी। इजरायलियों ने उनके क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है।