Israel Iran Conflict: इजरायल ने दुनिया के सबसे बड़े गैस क्षेत्र पर किया हमला, जानें क्या है दुनिया का डर

Published : Jun 15, 2025, 03:46 PM IST
South Pars Fire

सार

Israel airstrike on Iran: दुनिया के सबसे बड़े गैस क्षेत्र, दक्षिण पारस पर इजरायल के ड्रोन हमले से ईरान में उत्पादन आंशिक रूप से रुका। क्या यह हमला दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा देगा?

Israel Iran War: इजरायल ने शनिवार को ड्रोन से ईरान में स्थित दुनिया के सबसे बड़े गैस क्षेत्र साउथ पारस पर हमला किया। ईरानी मीडिया के अनुसार हमले के चलते ईरान ने साउथ पारस में उत्पादन आंशिक रूप से निलंबित कर दिया है।

साउथ पारस के फेज 14 की चार इकाइयों में से एक में आग लग गई। इसके कारण 12 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन रुक गया है। ईरानी तेल मंत्रालय के अनुसार आग बुझा दी गई है।

दक्षिण पारस एक अपतटीय स्थल है। यह ईरान के दक्षिणी बुशहर प्रांत में स्थित है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस भंडार होने का सम्मान प्राप्त है। ईरान इसे कतर के साथ शेयर करता है। कतर में इसे "उत्तरी क्षेत्र" कहा जाता है।

दक्षिण पारस ईरान के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

ईरान अमेरिका और रूस के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा गैस उत्पादक है। इसके कुल गैस उत्पादन का करीब 66 फीसदी हिस्सा दक्षिण पारस से आता है। ईरान में हर साल करीब 275 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस उत्पादन होता है। यह वैश्विक उत्पादन का लगभग 6.5 प्रतिशत है।

अमेरिका द्वारा लगाए गए सख्त प्रतिबंधों के चलते ईरान अपने अधिकतर गैस की खपत खुद करता है। यह इराक जैसे देशों को कुछ गैस निर्यात करता है। दूसरी ओर, कतर शेल और एक्सॉनमोबिल जैसी ग्लोबल एनर्जी कंपनियों की मदद से उसी क्षेत्र से हर साल 77 मिलियन टन LNG (Liquefied Natural Gas) निर्यात यूरोप और एशिया में करता है।

क्यों महत्वपूर्ण है दक्षिण पारस पर हमला?

इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत ईरान पर हमला शुरू किया था। पहले उसका ध्यान परमाणु और सैन्य ठिकानों पर था। ईरान ने जवाबी अटैक किया तो इजरायल ने दक्षिण पारस जैसे सामरिक ठिकाने पर हमला किया है। अब डर है कि लड़ाई और बढ़ेगी। ईरान इजरायल के तेल और गैस निकालने के बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर जवाबी कार्रवाई कर सकता है।

दक्षिण पारस पर हुए हमले ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। इससे ग्लोबल एनर्जी सिक्टोरिटी खतरे में है। ईरान और इजरायल की लड़ाई ने पहले ही कच्चे तेल की कीमत 9 फीसदी तक बढ़ा दी है।

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