इजराइल से क्यों नाराज रहता है पाकिस्तान, एक रोटी ने अल्पमत में ला दी इस देश की सरकार

इजराइल (Israel) में बेनेट सरकार (Bennett Government) अल्पमत में आ गई है। यह सब एक रोटी की वजह से हो रहा है। यदि बेनेट इस्तीफा देते हैं और नए सिरे से चुनाव होते हैं तो इस देश में यह तीन साल में पांचवा आम चुनाव होगा। 

Asianet News Hindi | / Updated: Apr 08 2022, 08:21 AM IST

नई दिल्ली। इजराइल (Israel) में प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट (Prime Minister Naftali Bennett) की सरकार  इस समय खतरे में है। बताया जा रहा है कि यह सरकार इस समय अल्पमत में है और यह समस्या सरकार में शामिल एक अन्य पार्टी के सांसद एडित सिलमन के इस्तीफे के कारण आई। यामिना पार्टी के सांसद सिलमन के सरकार छोड़ने की वजह भी बड़ी रोचक है, मगर उनके जाने से लगभग एक साल पुरानी नफ्ताली बेनेट की सरकार खतरे में पड़ जाएगी यह किसी ने सोचा भी नहीं था। 

बताया जा रहा है कि सिलमन ने इजराइल के अस्पतालों में खानपान से जुड़े नियमों को लेकर बढ़ी तकरार के बाद इस्तीफा देने का निर्णय लिया। अब  दावा किया जा रहा है कि बेनेट खुद इस्तीफा देंगे और इजराइल में नए सिरे से चुनाव होंगे। वैसे बेनेट सरकार इस समय सत्ता पर काबिज जरूर है, मगर उसके पास जरूरी संख्या बल संसद में नहीं है, इसलिए यह कभी भी गिर सकती है। आपको यह भी बता दें कि पाकिस्तान इजराइल को देश नहीं मानता और अपने यात्रियों को यहां आने के लिए वीजा भी जारी नहीं करता। 

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बेंजामिन बोले स्वागत है श्रीमान सिलमन 
बेनेट की सरकार में कुल पार्टियां शामिल हैं, जिसमें एक सिलमन की पार्टी भी है। ये सभी दल इजराइल के पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्नयाहू का विरोध करने के लिए लगभग एक साल पहले एकजुट हुए थे। अब सिलमन के सरकार से अलग होने पर बेंजामिन ने उनका स्वागत किया है। 

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मरीजों को खमीरी रोटी और दूसरे खाद्य पदार्थ लाने की अनुमति देने का विरोध 
दरअसल, सिलमन ने इजराइल के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को खमीरी रोटी और दूसरे खाद्य पदार्थ लाने की इजाजत दिए जाने का विरोध किया था। बता दें कि इस देश की धार्मिक परंपरा के तहत ये खाद्य उत्पाद प्रतिबंधित हैं। यहूदी धार्मिक परंपरा में ये खाद्य पदार्थ सही नहीं माने जाते हैं। सिलमन इसी बात का विरोध कर रहे थे और सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया। 

सत्ता में रहने के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं है बेनेट के पास 
इजराइल की संसद में सत्ता में रहने के लिए 120 का संख्या बल जरूरी है, मगर यहां बेनेट सरकार में सिर्फ 60 सांसद रह गए हैं। वैसे विपक्ष का रुख भी अभी इसको लेकर समझ में नहीं आ रहा है। यदि बेनेट सरकार गिरती है और इजराइल में फिर चुनाव होते हैं, तो यह बीते तीन साल में पांचवी बार होगा, जब देश में आम चुनाव हो रहे हैं।

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