इजरायल में फिर से भारत के 'प्रिय मित्र' बेंजामिन नेतन्याहू PM, पढ़िए कैसे मिली सत्ता की चाबी

इजरायल में एक बार फिर भारत के पुराने मित्र बेंजामिन नेतन्याहू(enjamin Netanyahu) के हाथ में सत्ता की चाबी आ गई है। नेतन्याहू इजराइल के अगले प्रधानमंत्री होंगे। इजरायल के वर्तमान प्रधानमंत्री यायर लापिड( Yair Lapid) ने गुरुवार(3 नवंबर) को आम चुनावों में हार मान ली। 

यरुशलम(Jerusalem). इजरायल में एक बार फिर भारत के पुराने मित्र बेंजामिन नेतन्याहू(enjamin Netanyahu) के हाथ में सत्ता की चाबी आ गई है। नेतन्याहू इजराइल के अगले प्रधानमंत्री होंगे। इजरायल के वर्तमान प्रधानमंत्री यायर लापिड( Yair Lapid) ने गुरुवार(3 नवंबर) को आम चुनावों में हार मान ली और विपक्षी नेता बेंजामिन नेतन्याहू को बधाई दी, जिनके दक्षिणपंथी दलों(Netanyahu-led right-wing) के गठबंधन ने देश में अगली सरकार बनाने और राजनीतिक गतिरोध को समाप्त करने के लिए संसद में  बहुमत हासिल किया। 

जानिए पूरी डिटेल्स..

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73 साल के बेंजामिन नेतन्याहू 1996 से 1999 और 2009 से 2021 तक 15 साल इजराइल के प्रधानमंत्री बन चुके हैं। वे औपचारिक रूप से 15 नवंबर के बाद प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। नेतन्याहू के भारत से काफी अच्छे रिश्ते रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें जीत की बधाई देते हुए ट्वटी किया-चुनावी जीत पर मेरे दोस्त नेतन्याहू को बधाई। हम मिलकर भारत-इजरायल स्ट्रैटिक पार्टनरशिप को आगे ले जाएंगे। दिलचस्प है  कि जब 5 साल पहले नेतन्याहू प्रधानमंत्री रहते भारत आए थे, तब नरेंद्र मोदी प्रोटोकाल तोड़कर उन्हें रिसीव करने एयरपोर्ट तक गए थे। 

Mazel Tov my friend @netanyahu for your electoral success. I look forward to continuing our joint efforts to deepen the India-Israel strategic partnership.

99 प्रतिशत मतों की गिनती के साथ नेतन्याहू के नेतृत्व वाले दक्षिणपंथी गुट ने 120 सदस्यीय नेसेट(Knesset-इजरायल की संसद) में 64 सीटों के साथ आराम से बढ़त बना ली है। इसमें नेतन्याहू की सत्तारूढ़ लिकुड पार्टी(Likud party) ने 32 सीटें जीतीं, जबकि निवर्तमान प्रधानमंत्री यायर लापिड की येश अतीद को 24 सीटें मिलीं। नेतन्याहू को सत्ता में आने के लिए 61 सीटों की जरूरत थी। इजराइल में पिछले 3 साल में पांचवीं बार इलेक्शन हुए हैं, जिसके बाद पूर्ण बहुमत के साथ किसी पार्टी ने सत्ता में वापसी की है।

अंतिम गिनती समाप्त होने के बाद चुनावों का सबसे बड़ा आश्चर्य दक्षिणपंथी धार्मिक ज़ायोनीवाद पार्टी(right Religious Zionism party) है, जो 14 सीटें जीतकर तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई। इस तरह नेतन्याहू के अन्य संभावित गठबंधन सहयोगी, शास(Shas ) और यूनाइटेड टोरा यहूदी धर्म (UTJ) ने क्रमशः 11 और सात सीटें जीतीं, जिससे ब्लॉक की कुल संख्या 64 हो गई। रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज़( Benny Gantz ) की राष्ट्रीय एकता ने 12 सीटें जीतीं, और वित्त मंत्री एविग्डोर लिबरमैन(Avigdor Lieberman) को छह सीटें मिलीं।

अरब-मिजोरिटी पार्टीज हदाश-ताल और संयुक्त अरब(Hadash-Ta'al and United Arab) को 5-5 सीटें मिलीं, लेकिन अलग हुई बालाद ​​पार्टी( Balad party) नेसेट में एंट्री के लिए आवश्यक 3.25 प्रतिशत की सीमा को पार करने में विफल रही। लेबर(Labour), जो कभी इजराइल में सत्ताधारी पार्टी थी, ने 4 सीटें जीतकर 3.25 प्रतिशत चुनावी सीमा से थोड़ा अधिक हासिल किया। वामपंथी पार्टी, मेरेट्ज़(Meretz), अगले नेसेट में जगह बनाने से कुछ हज़ार वोट पीछे रह गई। यानी 1992 में इसके गठन के बाद से इसके लिए नेसेट में राजनीतिक प्रतिनिधित्व के तीन दशक के लंबे युग को समाप्त कर दिया।

पिछले 4 महीने से इंटरनल पीएम रहे हैं लैपिड
पिछले चार महीने से अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में काम कर रहे लैपिड ने कहा कि उन्होंने नेतन्याहू को फोन किया और उनकी जीत पर बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय के सभी विभागों को सत्ता के व्यवस्थित हस्तांतरण की तैयारी करने का निर्देश दिया है। लैपिड ने एक ट्वीट में कहा, "इजरायल राज्य किसी भी राजनीतिक विचार से ऊपर है। मैं नेतन्याहू को इज़राइल के लोगों और इज़राइल राज्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।"

भारत से रिश्ते और मजबूत होंगे
इजरायल ने मंगलवार को यहूदी राष्ट्र में रोड़ा बन रहे राजनीतिक गतिरोध को खत्म करते हुए चार साल में अभूतपूर्व पांचवीं बार मतदान किया। इज़राइल 2019 के बाद से राजनीतिक गतिरोध के एक अभूतपूर्व दौर से गुजर रहा है। देश के सबसे लंबे समय तक पीएम रहने वाले नेतन्याहू पर रिश्वत, धोखाधड़ी और विश्वास के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। लगभग 6.78 मिलियन इजरायली नागरिकों ने 25वें नेसेट के लिए वोटिंग की। करीब 210,720 लोगों ने पहली बार वोटिंग की। नए वोटर लगभग चार से पांच सीटों  का गणित तय करने में सक्षम थे।

नेतन्याहू की सत्ता में वापसी से भारत-इजरायल संबंधों में तेजी आने की संभावना है। भारत के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के पैरोकार, नेतन्याहू जनवरी 2018 में भारत की यात्रा करने वाले दूसरे इजरायली प्रधान मंत्री थे। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई 2017 में पहली बार इजरायल की अपनी ऐतिहासिक यात्रा की थी।

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