ISRO ने टाली बड़ी त्रासदी: Falcon-9 रॉकेट में LOX लीक पकड़कर Ax-4 मिशन को बचाया

Published : Jun 14, 2025, 07:45 PM IST
Shubhanshu Shukla Career

सार

Ax-4 mission: Falcon-9 में ऑक्सीडाइज़र लाइन की दरार को ISRO की सख्ती से समय रहते पकड़ा गया, जिससे Ax-4 मिशन और भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला की जान बची। अब 19 जून को होगी लॉन्चिंग। जानिए कैसे ISRO ने SpaceX को रोका।

Ax-4 mission: ISRO ने SpaceX के प्रतिष्ठित Falcon-9 रॉकेट में पाए गए लिक्विड ऑक्सीजन (LOX) लीक की गंभीर समस्या पर समय रहते सख्त रुख अपनाकर न सिर्फ भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) की जान बचाई बल्कि Ax-4 मिशन को तबाह होने से बचा लिया। इस रॉकेट के जरिए अमेरिका की Axiom Space और NASA का जॉइंट मिशन Ax-4 अंतरिक्ष में रवाना होगा जिसमें भारत, अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के चार अंतरिक्ष यात्री 14 दिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में गुजारेंगे और विज्ञान प्रयोग करेंगे।

ऑक्सीडाइज़र लाइन में दरार: ISRO की चेतावनी से टला हादसा

9 जून को Falcon-9 रॉकेट की हॉट टेस्टिंग के दौरान LOX लीक पाया गया लेकिन SpaceX ने 11 जून को लॉन्च की योजना बनाए रखी। ISRO प्रमुख डॉ. वी नारायणन (Dr V Narayanan), जो खुद एक क्रायोजेनिक इंजन विशेषज्ञ हैं, ने सख्ती से इसका विरोध किया और कम तापमान पर लीक टेस्ट (Low Temp Leak Test) सहित सभी जांचों की मांग की।

SpaceX ने शुरुआत में लीक को पर्ज सिस्टम से कवर करने की बात कही लेकिन ISRO की 13 सदस्यीय विशेषज्ञ टीम इस बैंड-एड समाधान से संतुष्ट नहीं हुई। जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि Falcon-9 के पहले चरण में ऑक्सीडाइज़र लाइन में वेल्डिंग की दरार (Weld Crack) थी, जो पहले के मिशन के बाद मरम्मत में छूट गई थी। इसे अब बदला जा चुका है और सभी टेस्टिंग भी सफल हुई है।

भारत ने कहा- सुरक्षा पहले, लॉन्च बाद में

Dr Narayanan ने बताया कि अगर यह दरार समय पर नहीं पकड़ी जाती तो लिफ्ट-ऑफ पर जबरदस्त वाइब्रेशन के कारण लाइन फट सकती थी और पूरे मिशन को भारी नुकसान हो सकता था। भारत सरकार के विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी ISRO की इस पहल की सराहना करते हुए कहा: सुरक्षा, सटीकता और उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्धता ही ISRO की पहचान है। ऐसे मिशन में कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

शुभांशु शुक्ला की सीट ₹550 करोड़ में खरीदी

भारत ने इस Ax-4 मिशन में हिस्सा लेने के लिए ₹550 करोड़ में एक सीट खरीदी है। यदि SpaceX सुधारों के लिए तैयार नहीं होता तो भारत ने अपने अंतरिक्ष यात्री को हटाने की तैयारी भी कर ली थी।

Ax-4 मिशन में कौन-कौन शामिल

  • कमांडर: पेगी विटसन (Peggy Whitson) – अमेरिका
  • पायलट: ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला – भारत
  • मिशन स्पेशलिस्ट: स्लावोश उजानांस्की – पोलैंड
  • मिशन स्पेशलिस्ट: तिबोर कपू – हंगरी

SpaceX की चुप्पी लेकिन ISRO की भूमिका को मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान

Axiom Space के चेयरमैन कम गफ्फारियन ने एक परोक्ष रूप से ISRO की सराहना करते हुए कहा: हम ISRO, NASA और SpaceX की इस मिशन में की गई मेहनत की सराहना करते हैं। यह सही फैसला था। Falcon-9 रॉकेट अब Launch Pad 39-A पर तैयार है, वही स्थान जहां से नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने चंद्रमा की ओर कदम बढ़ाया था। शुभांशु शुक्ला और अन्य अंतरिक्ष यात्री क्वारंटीन में हैं और 19 जून को लॉन्च की तैयारी में लगे हैं। अगर 19 जून को मौसम या तकनीकी कारणों से लॉन्च नहीं हो पाया तो 30 जून तक का विंडो खुला है।

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