जापान में ओलंपिक स्थगित करने की मांग...क्योंकि पूरा हेल्थ सिस्टम हो चुका है बेहाल

अकीरा ताकासु ने कहा, ‘ओलंपिक को रोक दिया जाना चाहिए, क्योंकि हम पहले से ही इंग्लैंड से नए वेरिएंट के प्रवाह को रोकने में विफल रहे हैं, और वेरिएंट की एंट्री हो सकती है।’

Asianet News Hindi | Published : May 24, 2021 11:16 AM IST / Updated: May 24 2021, 04:58 PM IST

बर्लिन। जापान का पश्चिमी क्षेत्र कोविड-19 के 4th वेव से जूझ रहा है। देश के दूसरे सबसे बड़े शहर ओसाका में कोरोना के नए संक्रमण के बेतहाशा मामलों से कोहराम मचा हुआ है। अस्पतालों में बेड्स, वेंटीलेटर कम पड़ गए हैं, लगातार काम करने से डाॅक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाॅफ बेहाल हैं। पूरा हेल्थ सिस्टम बेहाल हो चुका है। ऐसे में गर्मियों में आयोजित हो रही ओलंपिक को स्थगित करने की मांग शुरू हो गई है। 

पश्चिमी क्षेत्र में सबसे अधिक कोविड से मौतें

Latest Videos

राॅयटर्स के अनुसार जापान के पश्चिमी क्षेत्र में 9 मिलियन लोगों के घर हैं। यहां लोग महामारी की 4th लहर का सामना कर रहे हैं। मई में यहां पूरे देश में हुई मौतों का एक तिहाई मौतें हुई। जबकि यहां की आबादी देश की आबादी का सात प्रतिशत है। 

ओसाका की स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई, अभी वैक्सीन भी कम लगी

कोविड के चैथे वेव से ओसाका शहर की स्वास्थ्य प्रणाली बिल्कुल चरमरा गई है। जापान में अभी भी पचास प्रतिशत मेडिकल कर्मियों का वैक्सीनेशन पूरा हो सका है। उधर, यहां ओलंपिक की तैयारियां चल रही हैं। 

मेडिकल सर्विसेस कोलैप्स कर चुके हैंः युजी तोहदा

ओसाका के किंडाई विवि के हाॅस्पिटल निदेशक युजी तोहदा कहते हैं कि यहां मेडिकल सिस्टम कोलैप्स हो चुका है। अत्यधिक संक्रमण यूके वेरिएंट और सतर्कता की कमी रहा। इससे कोविड संक्रमण का विस्फोट हुआ। 

जापान का ओसाका प्रांत सबसे बेहाल

जापान ने अपने अन्य क्षेत्रों को तो संक्रमण से बचा लिया लेकिन चैथी लहर ने ओसाका प्रांत में हाहाकार मचा दिया है। गुरुवार को 3,849 नए सकारात्मक परीक्षण किए। यह तीन महीने पहले की इसी अवधि की तुलना में पांच गुना अधिक वृद्धि दर्शाता है।

टोक्यो में 37 प्रतिशत हास्पिटलाइजेशन रेट

14 प्रतिशत प्रांतों/शहरों में जहां 13770 संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आई, जबकि अधिसंख्य लोग खुद ही रिकवर होने में सक्षम साबित हुए। वहीं, टोक्यो में हास्पिटलाइजेशन रेट 37 प्रतिशत है। 

ओसाका में 96 प्रतिशत बेड भरे हुए हैं

ओसाका के 348 अस्पतालों के 96 प्रतिशत बेड भरे हुए हैं। अधिकारियों ने इस महीने कहा कि मार्च के बाद से प्रीफेक्चर के अस्पतालों के बाहर इस बीमारी से 17 लोगों की मौत हो गई है। ओसाका मेडिकल एंड फार्मास्युटिकल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल (ओएमपीयूएच) के निदेशक तोशियाकी मिनामी ने कहा कि यह संस्करण युवा लोगों को भी बहुत जल्दी बीमार कर सकता है और एक बार गंभीर रूप से बीमार होने पर रोगियों को ठीक होने में मुश्किल होती है। ‘मेरा मानना है कि अब तक कई युवा सोचते थे कि वे अजेय हैं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सकता। हर कोई समान रूप से जोखिम उठा रहा है।’

बेहद तनाव की स्थितियां, वेंटीलेटर-दवाइयों की भारी किल्लत

मिनामी ने कहा कि एक आपूर्तिकर्ता ने हाल ही में उसे बताया कि इंटुबैटेड रोगियों को बेहोश करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक प्रमुख दवा प्रोपोफोल का स्टॉक बहुत कम चल रहा है। जबकि टोहडा के अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 रोगियों के लिए महत्वपूर्ण वेंटिलेटर की कमी चल रही है।

ओवरटाइम से स्वास्थ्यकर्मी झेल रहे मानसिक परेशानी

ओएमपीयूएच में नर्सिंग विभाग के प्रमुख सत्सुकी नाकायमा ने कहा कि संक्रमण के जोखिम में गंभीर रूप से बीमार रोगियों की देखभाल करने से कर्मचारियों पर गंभीर असर पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे कुछ गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) के कर्मचारी मिले हैं, जो कह रहे हैं कि वे एक ब्रेकिंग पॉइंट पर पहुंच गए हैं, अन्य अस्पताल विंग से दूसरे कर्मचारियों को यहां लाने की आवश्यकता पड़ रही है।’ 
ओएमपीयूएच में लगभग 500 डॉक्टर और 950 नर्स काम करते हैं, जो 832 बिस्तरों को मैनेज करते है। इसके 16 आईसीयू बेड में से दस वायरस रोगियों को समर्पित किए गए हैं। अस्पताल द्वारा भर्ती किए गए लगभग 140 गंभीर रोगियों में से बीस की आईसीयू में मृत्यु हो गई।
क्षेत्रीय सरकारी कर्मचारियों के संघ के प्रमुख यासुनोरी कोमात्सु कहा कि स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों में सार्वजनिक स्वास्थ्य नर्सों के लिए भी स्थितियाँ गंभीर थीं, जो रोगियों और चिकित्सा संस्थानों के बीच संपर्क करती हैं।
उनमें से कुछ 100, 150, 200 घंटे का ओवरटाइम कर रहे हैं। यह अब एक साल से चल रहा है। जब वे ड्यूटी पर होते हैं, तो वे कभी-कभी सुबह एक या दो बजे घर जाते हैं और केवल बिस्तर पर जाते हैं तीन या चार बजे एक फोन कॉल से जगाया जा सकता है।

ओलंपिक का आयोजन पड़ सकता है भारी

ओसाका के महामारी के साथ संघर्ष का प्रत्यक्ष अनुभव रखने वाले चिकित्सा पेशेवर 23 जुलाई से 8 अगस्त तक चलने वाले टोक्यो खेलों के आयोजन के खिलाफ हैं।  राॅयटर्स को ओएमपीयूएच में आपातकालीन चिकित्सा के प्रमुख अकीरा ताकासु ने कहा, ‘ओलंपिक को रोक दिया जाना चाहिए, क्योंकि हम पहले से ही इंग्लैंड से नए वेरिएंट के प्रवाह को रोकने में विफल रहे हैं, और अगला भारतीय वेरिएंट की एंट्री हो सकती है।’
अकीरा ताकासु ने कहा, 'वह भारत में पहली बार पाए गए एक प्रकार का जिक्र कर रहे थे जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने प्रारंभिक अध्ययनों के बाद चिंता का विषय बताया था, यह अधिक आसानी से फैल गया था। ओलंपिक में, 70,000 या 80,000 एथलीट और लोग दुनिया भर से इस देश में आएंगे। यह गर्मियों में एक और आपदा के लिए एक ट्रिगर हो सकता है।'
 

Asianet News का विनम्र अनुरोधः आईए साथ मिलकर कोरोना को हराएं, जिंदगी को जिताएं... जब भी घर से बाहर निकलें माॅस्क जरूर पहनें, हाथों को सैनिटाइज करते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। वैक्सीन लगवाएं। हमसब मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग जीतेंगे और कोविड चेन को तोडेंगे। #ANCares #IndiaFightsCorona

Share this article
click me!

Latest Videos

Almora Bus Accident: मंजिल तक पहुंचने से पहले ही खत्म हुए सफर... जानें क्यों तनाव में था ड्राइवर
'10 दिन में इस्तीफा दे सीएम योगी' जानें मुंबई पुलिस कंट्रोल रूम को क्या आया मैसेज
'वो आपकी बेटी छीन रहे हैं' ऐसा क्या बोले मोदी जो भाषण पर छिड़ा बवाल । PM Modi Speech
यूपी मदरसा कानून पर आ गया 'सुप्रीम' फैसला, लाखों छात्रों का जुड़ा था भविष्य । SC on UP Madarsa
अमित शाह ने किया घुसपैठियों को चुन-चुनकर बाहर करने का वादा #Shorts