
1st Woman to Travel the World : दुनिया घूमने के लिए कोई किस हद तक गुजर सकता है। इसका अंदाजा दुनिया का चक्कर लगाने वाली पहली महिला की कहानी जानकर आपको लग जाएगा। जीन बैरेट (Jeanne Baret) नाम की महिला हर किसी के लिए हिम्मत, जुनून और संघर्ष की एक मिसाल हैं। जब 18वीं सदी में महिलाओं को जहाज पर सफर करने की इजाजत नहीं थी, तबन जीन ने इस नियम को तोड़ा। उन्होंने मर्दों की तरह बाल कटवाए, ब्रेस्ट बांधे और अपना पूरा लुक चेंज कर दुनिया घूमने निकल गईं। उनकी यह यात्रा इतिहास में दर्ज हो गई। आइए जानते हैं उनकी इंस्पायरिंग स्टोरी...
जीन बैरेट एक वनस्पति विज्ञान की विशेषज्ञ (Botanist) थीं। उनका जन्म 27 जुलाई 1740 को फ्रांस के एक छोटे से गांव में हुआ था। बचपन से ही उनकी दिलचस्पी पौधों और जड़ी-बूटियों में थी। इन चीजों को लेकर उनमें गजब का जुनून था। इसी को लेकर एक बार उनकी मुलाकात मशहूर साइंटिस्ट फिलिबर्ट कॉमर्सन से हुई और वह उनकी सहायक बननकर काम करने लगीं।
1766 में फ्रांसीसी खोजकर्ता (Explorer) लुई एंटोनी डी बोगनविले ने दुनिया की सैर पर जाने के लिए एक मिशन शुरू किया। इसमें फिलिबर्ट कॉमर्सन को बतौर वनस्पति वैज्ञानिक (Botanist) शामिल किया गया। जीन भी इस मिशन का हिस्सा बनना चाहती थीं और इस यात्रा पर निकलना चाहती थीं लेकिन इसमें सबसे बड़ी समस्या उस समय फ्रांसीसी नौसेना कानून था, जिसमें महिलाओं को सैन्य जहाजों पर नौकायन (Sailing) करने जाने पर प्रतिबंध था। इस कानून की वजह से मिशन पर सिर्फ पुरुष जा सकते है, महिलाएं नहीं लेकिन जीन पूरी तरह मन बना चुकी थीं।
जीन इस सफर पर जाने से खुद को रोक नहीं पा रही थीं। उनका मन बार-बार वैज्ञानिकों के साथ जाने का हो रहा था। उन्होंने कानून को तोड़ते हुए अपना पूरा लुक ही चेंज कर दिया। उन्होंने खुद को मर्दों की तरह बनाया। इसके लिए अपने बाल काट दिए, कपड़े बदले और ब्रेस्ट को बांधकर दबाया। दो साल तक उन्होंने अपना भेष बदले रखा। इस तरह वह जहाज पर जाने में कामयाब हो गईं और दुनिया घूमने वाली पहली महिला बन गईं।
सफर के दौरान जीन बैरेट ने कई नई वनस्पतियों (Flora) की खोज की। उनकी सबसे बड़ी खोज थी बोगनविलिया का पौधा, जिसका नाम लुई एंटोनी डी बोगनविले के नाम पर रखा गया। इसके अलावा एक रिपोर्ट भी बनाई जिसे बाद में काफी तारीफ भी की गई।
कुछ समय जहाज पर रहने के बाद लोगों को शक हुआ कि जीन असल में महिला है। जब जहाज ताहिती पहुंचा, तो वहां के स्थानीय लोगों ने तुरंत उनकी सच्चाई पहचान ली। इसके बाद उनकी असलियत सबके सामने आ गई। सच सामने आने के बावजूद जीन की कड़ी मेहनत और बहादुरी को सराहा गया। उन्हें मॉरीशस में उतार दिया गया, जहां उन्होंने एक फ्रांसीसी सैनिक से शादी की। 1775 में वो फ्रांस वापस लौटीं और उन्हें पहली महिला खोजी यात्री (Female Explorer) के रूप में पहचान मिली।
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