ट्रूडो को इस साल हुए एक घोटाले से भी जूझना पड़ रहा है। ट्रुडो ने कनाडा में करीब 10 साल तक चले कंजर्वेटिव पार्टी के शासन के बाद 2015 में उदारवादी सरकार बनाई थी। वह दुनिया के चुनिंदा उदारवादी नेताओं में एक हैं।
टोरंटो: कनाडा में सघन चुनाव अभियान के बाद नए संसद का चुनाव हो रहा है। इस चुनाव में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के सत्ता से बाहर होने का खतरा है। ट्रूडो ने अपने उदारवादी पिता एवं दिवंगत प्रधानमंत्री पियर ट्रूडो की अपार लोकप्रियता को आगे बढ़ाते हुए 2015 का चुनाव जीता था, लेकिन घोटाले और लोगों की भारी उम्मीदों ने उनकी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया है।
विपक्षी पार्टी पर रहना पड़ सकता है निरर्भ
चुनावों से संकेत मिल रहे हैं कि ट्रूडो की लिबरल पार्टी प्रतिद्वंद्वी कंजर्वेटिव पार्टी से हार सकती है, या शायद जीत भी जाए तो भी संसद में बहुमत पाने में नाकाम रह सकती है। ऐसे में उन्हें सत्ता में बने रहने के लिए विपक्षी पार्टी पर निर्भर रहना पड़ेगा। पिछले 84 वर्षों में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि पूर्ण बहुमत के साथ पहली बार कनाडा का प्रधानमंत्री बना कोई व्यक्ति अगले चुनाव में हार गया हो।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)