चीन ने नए कमर्शियल रॉकेटों को किया लॉन्च, भारत से मुकाबले की तैयारी

कमर्शियल अंतरिक्ष उद्योग में चीन का अंतरिक्ष उद्योग भारत से पीछे है। भारत द्वारा सफलतापूर्वक 104 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने की घटना चीन के वाणिज्यिक अंतरिक्ष उद्योग के लिए जागने का वक्त है और कई ऐसे सबक हैं, जिन्हें चीन सीख सकता है।
 

Asianet News Hindi | Published : Oct 21, 2019 10:39 AM IST / Updated: Oct 21 2019, 04:22 PM IST

बीजिंग: चीन ने अपनी नई पीढ़ी के कमर्शियल रॉकेटों को बनाया है, जो 1.5 टन तक का भार ले जा सकते हैं। चीन वैश्विक अंतरिक्ष प्रक्षेपण बाजार को आकर्षित करने के लिए भारत के साथ अपनी प्रतिस्पर्धा तेज कर रहा है। चीन के एक सरकारी मीडिया ने बताया कि नई ‘लॉन्ग’ रॉकेट श्रृंखला में ठोस ईंधन वाले रॉकेट शामिल हैं और इनका सांकेतिक नाम ‘स्मार्ट ड्रैगन (एसडी) परिवार’ रखा गया है। देश की शीर्ष रॉकेट निर्माता ‘चाइना एकेडमी ऑफ लॉन्च व्हीकल्स टेक्नालॉजी’ की कमर्शियल यूनिट ने‘चाइना रॉकेट’ ने‘टेंगलोंग लिक्विड-प्रोपेलेंट रॉकेट’ को लॉन्च किया।

 

अंतरिक्ष उद्योग में चीन, भारत से पीछे

जानकारी के मुताबिक, रॉकेट की नई सीरीज का उद्देश्य घरेलू और वैश्विक कॉमर्स अंतरिक्ष प्रक्षेपण की बढ़ती क्षमता का लाभ उठाना है। चीन ने चंद्र मिशन के लिए अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू किया है और वह 2022 तक स्थाई अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित कर अपने अंतरिक्ष मिशन को मंगल तक बढ़ाना चाहता है। हालांकि, इसके बावजूद वह वैश्विक वाणिज्यिक रॉकेट बाजार को आकर्षित करने में भारत के मुकाबले पीछे ही है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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