ये है दुनिया का सबसे गहरा बोरवेल, एक साथ समा जाएंगे 15 बुर्ज खलीफा

Published : Oct 03, 2025, 01:36 PM IST
Kola Superdeep Borehole

सार

क्या आप जानते हैं दुनिया का सबसे गहरा गड्ढा कहां है और इसकी गहराई कितनी है? बता दें कि इस गड्ढे को खोदने में वैज्ञानिकों को कई साल लग गए लेकिन वे 12 किलोमीटर से ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाए। जानते हैं इस रहस्यमय सुपरडीप बोरहोल के बारे में। 

Kola Superdeep Borehole: क्या आपने कभी सोचा है कि धरती के एक सिरे से लेकर दूसरे सिरे तक सुरंग बनाई जा सकती है। ये बात सोचने में ही असंभव लगती है। लेकिन रूस में एक ऐसी जगह है, जहां दुनिया का सबसे लंबा गड्ढा खोदने की कोशिश हो चुकी है। हालांकि, धरती के इस पार से उस पार तक होल बनाने का ये प्रयास पूरा नहीं हो पाया। बावजूद इसके इसे दुनिया का सबसे लंबा बोरहोल कहा जाता है। जानते हैं, दुनिया के इस सबसे गहरे बोरवेल के बारे में।

कब शुरू हुई दुनिया के सबसे गहरे गड्ढे की खुदाई?

दुनिया का सबसे गहरा गड्ढा रूस के मर्मान्स्क ओब्लास्ट प्रांत के पेचेंग्स्की जिले में स्थित है। इसकी खुदाई 24 मई, 1970 को शुरू हुई। इसके लिए यूरालमाश-4ई (Uralmash-4E) नाम की एक विशालकाय ड्रिलिंग मशीन का इस्तेमाल किया गया। यह तेल के कुओं की खुदाई के लिए काम में लाई जाने वाली एक मल्टीलेयर ड्रिलिंग मशीन है।

ये भी पढ़ें : मौत का नाच: 1 औरत ने शुरू किया डांस, उसके पीछे नाचते-नाचते मरने लगे लोग..पलक झपकते बिछ गईं 400 लाशें

अमेरिका का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए खोदा 12 KM का गड्ढा

रूस के वैज्ञानिकों ने अमेरिका के रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए ज्यादा से ज्यादा गहरी खुदाई की कसम खाई। लगातार 9 साल तक खुदाई के बाद वैज्ञानिक 6 जून, 1979 को जैसे ही 9583 मीटर (31,440 फीट) की गहराई पर पहुंचे तो उन्होंने अमेरिका के ओक्लाहोमा के वाशिता काउंटी में बर्था रोजर्स होल द्वारा बनाए गए वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ दिया।

ड्रिल मशीन का 5 किलोमीटर हिस्सा मुड़ गया

हालांकि, इसके बाद भी रूस के वैज्ञानिकों ने गड्ढा खोदना बंद नहीं किया। अक्टूबर 1982 तक कोला एसजी-3 ने जमीन की सतह से 11,662 मीटर (38,261 फीट) गहरा गड्ढा खोद लिया। 1983 तक ड्रिल मशीन 12,000 मीटर (39,000 फीट) तक पहुंच गई तो साइट पर कई वैज्ञानिकों ने खुशी के मारे एक साल के लिए ड्रिलिंग रोक दी। इसके बाद दोबारा ड्रिलिंग शुरू होने पर 27 सितंबर 1984 को 12,066 मीटर (39,587 फीट) तक खुदाई करने के बाद ड्रिल स्ट्रिंग का 5 किलोमीटर हिस्सा मुड़ गया और होल में ही रह गया।

12 किलोमीटर की गहराई पर मशीनों ने दे दिया जवाब

बहुत कोशिशों के बाद भी रूस के वैज्ञानिक 1989 तक सिर्फ 12,262 मीटर (40,230 फीट) की गहराई तक ही पहुंच पाए। वैज्ञानिकों को उम्मीद थी कि वो 1993 तक 15,000 मीटर (49,000 फीट) गड्ढा खोदने में सफल रहेंगे, लेकिन मशीनें अब तक पूरी तरह काम करना बंद कर चुकी थीं। इतनी गहराई में धरती का टेम्प्रेचर 180 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा पहुंच चुका था। गहराई में तापमान बहुत तेजी से बढ़ रहा था, जिसके चलते काम को रोकना पड़ा।

वैज्ञानिकों ने क्यों बताया 'नरक का दरवाजा'

कड़ी मशक्कत के बाद वैज्ञानिक और मशीनें जमीन की सतह से 12 किलोमीटर की गहराई पर जाने के बाद काम करना बंद कर चुकी थीं। बाद में इस गड्ढे को डोर टू हेल यानी नरक का दरवाजा नाम दिया गया। 1991 में सोवियत संघ टूट गया और दोबारा कभी इस बोरहोल को खोदने की कोशिश नहीं की गई।

15 बुर्ज खलीफा, 170 कुतुब मीनार समा जाएंगे

बता दें कि कोला सुपरडीप बोरहोल की गहराई 12.26 किलोमीटर है। इसमें दुनिया की सबसे ऊंची इमारत यानी 15 बुर्ज खलीफा बड़े आराम से समा सकते हैं। बुर्ज खलीफा की ऊंचाई 828 मीटर है। इस बोर होल की गहराई का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इसमें 170 कुतुब मीनार और 41 एफिल टॉवर समा जाएंगे।

ये भी देखें : कहानी उस भूतिया जहाज की जो 10 दिन लावारिस हाल में तैरता रहा, अब भी अनसुलझा है 1 रहस्य

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर पर टशन, भयानक फायरिंग में 4 नागरिक की मौत
ट्रंप की नई NSS: आखिर भारत क्यों बन गया US की सबसे बड़ी जरूरत? चीन का डर या फिर कोई और गेम!