
नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) की जेल में अवैध तरीके से बंद भारत के नागरिक कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को इस्लामाबाद हाईकोर्ट (Islamabad High court) ने काफी राहत दी है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कुलभूषण जाधव को वकील रखने के लिए और मोहलत दे दी है।
दरअसल, कानून मंत्रालय ने कुलभूषण जाधव को वकील देने के लिए एक याचिका दायर की थी। जस्टिस अतहर मिनल्लाह, जस्टिस आमेर फारूक और जस्टिस मियांगुल हसन औरंगजेब तीन सदस्यीय बेंच ने इस मामले की सुनवाई की है।
अटॉर्नी जनरल ने कहा: भारत जवाब नहीं दे रहा
अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने कहा कि अदालत ने 5 मई को आदेश दिया था कि कुलभूषण जाधव को वकील रखने के लिए एक और मौका दिया जाना चाहिए। अदालत के आदेश के मुताबिक भारत को यह मैसेज दिया गया था लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिला।
अदालत में अटॉर्नी जनरल ने कहा कि भारत चाहता है कि जाधव को एक वकील दिया जाए जो बंद कमरे में अकेले उनसे बातचीत करे, लेकिन किसी भी देश में ऐसा मुमकिन नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रशासन कुलभूषण जाधव को भारतीय काउंसलर के साथ अकेले में बातचीत करने की इजाजत नहीं देंगे। वो सिर्फ हाथ मिला कर भी कुलभूषण जाधव को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अदालत ने कहा: भारत को याद दिलाएं कि वह वकील तय करे
पाकिस्तानी अटॉर्नी जनरल की तमाम दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा कि वो कुलभूषण जाधव और भारत सरकार को एक फिर से यह मैसेज दें कि वो कैदी के लिए काउंसिल रख सकते हैं। अदालत ने कहा कि उन्हें एक मौका और देना चाहिए।
अदालत में मौजूद जज ने कहा, 'कुलभूषण जाधव और भारत सरकार को दोबारा याद दिलाइए। अगर भारत को कुछ कहना है तो वो यहां कहें या फिर पाकिस्तान में मौजूद भारतीय दूतावास में किसी को बताएं। ताकि इसका निपटारा किया जा सके।' अदालत ने इस मामले की सुनवाई अनिश्चित काल के लिए टाल दी है।
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