लाहौर की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ी राहत दी है। अदालत ने पीटीआई अध्यक्ष को 2 जून तक जमानत दे दी है।
इस्लामाबाद: लाहौर की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने शुक्रवार को अल कादिर ट्रस्ट मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद 9 मई को हुई हिंसा के खिलाफ दायर तीन मामलों में अग्रिम जमानत को मंजूरी दे दी है।
अदालत ने पीटीआई अध्यक्ष को 2 जून तक जमानत देते हुए उन्हें जांच में शामिल होने का भी निर्देश दिया। बता दें कि खान पर जो मुकद्दमें दर्ज हैं उनमें से एक लाहौर में कॉर्प्स कमांडर हाउस पर हमले से संबंधित है।
आखिरी गेंद तक लड़ेंगे इमरान खान
जमानत मिलने के बाद पूर्व पीएम ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने पिछले 35 सालों में कभी भी इस तरह की कार्रवाई नहीं देखी। ऐसा लगता है जैसे सभी सिविल लिबर्टी और सभी मौलिक अधिकार समाप्त हो गए हैं। अब केवल अदालतें ही मानवाधिकारों की रक्षा कर रही हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह 'आखिरी गेंद तक' लड़ेंगे।
इमरान के अलावा पीटीआई नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं दर्ज हुए थे केस
इससे पहले आतंकवाद-रोधी अदालत ने इमरान खान को आतंकवाद से जुड़े मामले में 19 मई को पेश होने का आदेश दिया था। यह मामला 9 मई को हुई हिंसा को लेकर रेसकोर्स पुलिस ने दर्ज किया था।
पुलिस ने पूर्व प्रधानमंत्री , अन्य पीटीआई नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस की टीमों पर हमला करने, सरकारी संपत्ति और वाहनों को जलाने के आरोप में मामला दर्ज किया था।
कोर्ट ने इमरान खान के गायब रहने पर जताई थी चिंता
पिछली सुनवाई के दौरान जज इजाज अहमद बुट्टर ने इमरान के बार-बार गायब रहने पर चिंता जताते हुए उनके वकील से सवाल किया कि इमरान को जमान पार्क स्थित अपने आवास से अदालत पहुंचने में कितना समय लगता है? इतना ही नहीं न्यायाधीश ने पीटीआई के इस दावे को खारिज कर दिया कि विरोधी दलों ने अदालत में आने से पहले उनके रास्ते को ब्लॉक कर दिया।
सुनवाई के दौरान इमरान के वकील सलमान सफदर ने कोर्ट को बताया था कि कुछ लोगों को अदालत के बाहर तैनात किया गया था, जो अपने फायदे के लिए स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे थे।