
World Most Expensive Medicines: मेडिकल साइंस ने 21वीं सदी तक इतनी तरक्की कर ली है, कि बड़े से बड़े रोग का इलाज भी अब संभव है। हालांकि, कुछ जेनेटिक डिसऑर्डर ऐसे हैं, जिनकी दवाएं बहुत ज्यादा महंगी हैं। इन्हें खरीद पाना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। लेकिन क्या आप जानते हैं दुनिया की सबसे महंगी दवा कौन-सी है और इसकी कीमत कितनी होगी? बता दें कि ये दवा इतनी महंगी है कि इसकी कीमत में बड़े आराम से कई आलीशान बंगले बनाए जा सकते हैं।
कीमत: ₹37.40 करोड़
यह दवा जीन थेरेपी मेटाक्रोमैटिक ल्यूकोडिस्ट्रॉफी (एमएलडी) का इलाज करती है, जो न्यूरो सिस्टम (तंत्रिका तंत्र) को प्रभावित करने वाला एक दुर्लभ जेनेटिक डिसऑर्डर है। इस दवा को एक बार के ट्रीटमेंट के रूप में दिया जाता है। इसकी कीमत 4.25 मिलियन डॉलर यानी 37.40 करोड़ रुपए के आसपास है। बता दें इस कीमत में 50 लाख रुपए वाले 75 आलीशान बंगले बनाए जा सकते हैं।
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कीमत: ₹30.80 करोड़
यह जीन थेरेपी हीमोफीलिया बी के इलाज के लिए कारगर साबित होती है। यह रोगियों को अपना स्वयं का थक्का जमाने वाले फैक्टर IX बनाने में मदद करती है। साथ ही जिंदगीभर महंगे फैक्टर IX कॉन्सेनट्रेट प्रोफिलैक्सिस की जरूरत को कम करती है। इसकी कीमत 3.5 मिलियन डॉलर यानी 30.80 करोड़ रुपए है।
कीमत: ₹26.40 करोड़
इस दवा का इस्तेमाल सेरेब्रल एड्रेनोल्यूकोडिस्ट्रॉफी (CALD) के इलाज के लिए किया जाता है, जो मष्तिष्क संबंधी बीमारी है। इस जीन थेरेपी का उद्देश्य इस घातक और दुर्लभ बीमारी की प्रगति को धीमा करना है। अमेरिका में इस दवा की कीमत 3 मिलियन डॉलर यानी 26.40 करोड़ रुपए के आसपास है।
कीमत: ₹25.52 करोड़
यह जीन थेरेपी गंभीर हीमोफीलिया ए से पीड़ित वयस्कों के लिए डिजाइन की गई है। रोक्टेवियन दवा गंभीर हीमोफीलिया ए से पीड़ित शख्स को एक बार दी जाने वाली जीन थेरेपी है। इस दवा की कीमत 2.9 मिलियन डॉलर यानी 25.52 करोड़ रुपए के आसपास है।
कीमत: ₹24.64 करोड़
ब्लूबर्ड बायो द्वारा बनाई गई ये दवा बीटा-थैलेसीमिया का इलाज करती है। यह एक बार की जाने वाली, सेल-बेस्ड जीन थेरेपी है, जो रोगी की स्वयं की स्टेम सेल्स को जेनेटिकली मॉडिफाई कर फंक्शनल बीटा-ग्लोबिन का प्रोडक्शन करती है, जो कि हीमोग्लोबिन का ही एक घटक है। इस दवा की कीमत 2.8 मिलियन डॉलर यानी 24.64 करोड़ रुपए है।
कीमत: ₹19.36 करोड़
इस दवा का इस्तेमाल सिकल सेल रोग (SCD) और ट्रांसफ्यूजन डिपेंडेंट बीटा थैलेसीमिया (TDT) के ट्रीटमेंट के लिए किया जाता है। अमेरिका में इस दवा की कीमत 2.2 मिलियन डॉलर यानी 19.36 करोड़ रुपए के आसपास है।
कीमत: ₹18.48 करोड़
ये दवा स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) टाइप-1 नाम की दुर्लभ बीमारी के लिए दी जाती है। ये एक लाइफसेविंग इंजेक्शन है, जो जेनेटिक बीमारी से जूझ रहे बच्चों को दी जाती है। ये एक ऐसी आनुवांशिक बीमारी है, जिसमें पैरालिसिस और मसल्स की कमजोरी से पैदा हुए बच्चे ज्यादा दिन जिंदा नहीं रह पाते हैं। इस दवा को स्विट्जरलैंड की कंपनी Novartis के अलावा Biogen और रॉश बनाती हैं। इसकी कीमत 2.1 मिलियन डॉलर यानी 18.48 करोड़ रुपए है।
कीमत: ₹11.08 करोड़
इस दवा का उपयोग लिपोडिस्ट्रोफी के रोगियों में लेप्टिन की कमी के इलाज के लिए किया जाता है। इस दवा को डेली इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है। इसकी कीमत 1.26 मिलियन डॉलर यानी 11.08 करोड़ रुपए के आसपास है।
कीमत: ₹4.18 करोड़
ये दवा ल्यूकेमिया और लिंफोमा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक CAR-T सेल्स थेरेपी है, जो कैंसर से लड़ने के लिए मरीजों की अपनी कोशिकाओं को संशोधित करती है। इसके एक इंजेक्शन की कीमत करीब 4.75 लाख डालर यानी 4.18 करोड़ रुपए है।
कीमत: ₹3.28 करोड़
ये दवा भी किमरिया की तरह काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर (CAR-T) सेल्स थेरेपी है, जो फॉलिक्युलर लिंफोमा और बड़े बी-सेल लिंफोमा वाले वयस्क मरीजों के लिए तैयार की गई है। इसकी कीमत 3.73 लाख डॉलर यानी 3.28 करोड़ रुपए के आसपास है।
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