
कुवैत बिल्डिंग में आग लगने की घटना के बाद कई लापरवाही उजागर हुई हैं। यहां बिल्डिंग में एक ही एंट्री गेट था। इसी के साथ बिल्डिंग में लोगों को ठूंस-ठूंसकर भरा गया था।
कुवैत की बिल्डिंग में बुधवार तड़के लगी भीषण आग के बाद 50 से ज्यादा लोगों की मरने की बात सामने आई। मरने वालों में 40 से अधिक भारतीय भी शामिल हैं। अग्निकांड की इस घटना के बाद कुवैत से लेकर भारत तक में सनसनी मची हुई है। घटना के बाद कुवैत सरकार की ओर से बिल्डिंग मालिक और अन्य लोगों की गिरफ्तारी को लेकर आदेश दिया गया। वहीं सरकार का कहना है कि यह आग और कुछ नहीं बल्कि लालच का नतीजा है।
गौरतलब है कि दक्षिणी कुवैत के मंगाफ में इस बिल्डिंग को एनबीटीसी ग्रुप ने किराए पर लिया था। इस बिल्डिंग में कंपनी ने काम करने वाले मजदूरों के लिए रहने का इंतजाम किया था। बिल्डिंग में कुल 196 लोग रह रहे थे जो कि क्षमता से काफी अधिक थे। वहीं कई रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि बिल्डिंग में लोगों को ठूंस-ठूंसकर रहने के लिए मजबूर किया गया था। बुधवार सुबह जब आग लगी तो उस समय नाइट शिफ्ट करके आए मजदूर सो ही रहे थे। आग लगने की जानकारी मिलती और वह संभल पाते, तब तक काफी देर हो चुकी थी। लोगों को वहां से भागने तक का मौका नहीं मिला। फिलहाल इस पूरी घटना को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं।