मई महीने के दूसरे रविवार को दुनियाभर में मदर्स डे मनाया जाता है। दरअसल, 8 मई, 1914 को अमेरिकी संसद में एक प्रस्ताव पास किया गया, जिसमें कहा गया कि अबसे हर साल मई के दूसरे रविवार को 'मदर्स डे' मनाया जाएगा। तभी से यह लगातार सेलिब्रेट किया जाता है।
Mother Day 2022: मदर्स डे (Mothers Day 2022) दुनिया भर की माताओं के प्रति आदर और सम्मान के लिए मनाया जाता है। इस दिन लोग मां के प्रति अपना प्यार जताते हैं। वैसे तो 9 महीने तक बच्चे को अपनी कोख में रखने वाली मां के लिए एक दिन काफी नहीं हो सकता, लेकिन फिर भी ये एक दिन हमें अपनी मां के लिए कुछ खास करने का मौका जरूर देता है। ये वो दिन है, जब आप अपनी मां को इस बात का अहसास करा सकते हैं कि आपकी लाइफ में उनका कितना महत्व है। आप आज जो कुछ भी हैं, उन्हीं की वजह से हैं।
मदर्स डे का इतिहास :
बता दें कि मदर्स डे (Mothers Day 2022) की शुरुआत 1908 में तब से हुई, जब अमेरिकी महिला अन्ना जार्विस (Anna Jarvis) ने अपनी स्वर्गवासी मां की याद में 12 मई 1908 को ग्राफ्टन चर्च में एक मेमोरियल आयोजित किया। इस कार्यक्रम में अन्ना ने अपनी सोशल वर्कर मां के सम्मान में उन्हें सामूहिक श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पूरे अमेरिका में मदर्स डे को लेकर कैम्पेन शुरू हो गया। 6 साल बाद यानी 8 मई, 1914 को अमेरिकी संसद में एक प्रस्ताव पास किया गया, जिसमें कहा गया कि अबसे हर साल मई के दूसरे रविवार को 'मदर्स डे' मनाया जाएगा। तब से लेकर अब तक हर साल मई के दूसरे संडे को दुनियाभर में मदर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है।
भारत में भी जोरशोर से मनाया जाता है मदर्स डे : भारत में प्राचीन काल में मदर्स डे (Mothers Day 2022) यानी माताओं के लिए कोई विशेष दिन नहीं होता था। हालांकि, उदारीकरण के बाद धीरे-धीरे भारत में भी मदर्स डे को एक त्योहार की तरह सेलिब्रेट किया जाने लगा। अब तो गांव से लेकर शहरों तक लोग अपनी मां के सम्मान में इस दिन को सेलिब्रेट करते हैं। सोशल मीडिया पर मां से जुड़े ग्रीटिंग्स और कोट्स की भरमार देखने को मिलती है। लोग इस दिन अपनी मां के साथ ट्रैवलिंग, डिनर या फिर उनका कोई पसंदीदा गिफ्ट देकर उन्हें सम्मानित करते हैं।
कई जगह मदर्स डे का नाम मदरिंग संडे : वैसे, कई जगह ये भी सुनने को मिलता है कि मदर्स डे (Mothers Day 2022) मनाने की शुरुआत ग्रीस से हुई है। ग्रीस के लोग अपनी माताओं के प्रति सम्मान के लिए एक दिन उनकी पूजा करते थे। मान्यता के अनुसार स्यबेले ग्रीक देवताओं की मां थीं और ग्रीस के लोग स्यबेले के साथ अपनी मां की भी पूजा करते थे। इसके बाद माताओं का सम्मान करने की यह परंपरा धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैलती गई। बता दें कि ब्रिटेन और कई यूरोपीय देशो में इस दिन को 'मदरिंग संडे' के नाम से भी जाना जाता है।
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