
Myanmar Earthquake 2025: म्यांमार में 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में अब तक 1,644 लोगों की मौत हो चुकी है। इस भूकंप में साढ़े तीन हजार से अधिक लोग घायल हैं। जबकि 139 लोग अब भी लापता हैं। ज़लज़ले की वजह से पूरी तरह से म्यांमार में मूलभूत सुविधाओं का अभाव हो चुका है। पूरी व्यवस्था चरमरा गई है।
इस भूकंप के कंपन केवल म्यांमार में ही नहीं बल्कि थाईलैंड और चीन के युन्नान प्रांत तक महसूस किए गए। बैंकॉक में एक निर्माणाधीन हाई-राइज बिल्डिंग ढह गई, जबकि मांडले (Mandalay), तौंगू (Toungoo) और आंगबान (Aungban) सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल हैं।
म्यांमार में चल रहे राहत कार्यों में भारत, चीन और थाईलैंड ने मानवीय सहायता भेजी है। भारत ने मेडिकल टीमें, राहत सामग्री और आपातकालीन दल म्यांमार भेजे हैं। चीन ने बचावकर्मी और सहायता पैकेज भेजा है। थाईलैंड ने मेडिकल सपोर्ट और क्षेत्रीय सहायता का समन्वय किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को म्यांमार के सैन्य प्रमुख सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग (Min Aung Hlaing) से फोन पर बात कर शोक संवेदना व्यक्त की और भारत की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
मोदी ने X (पूर्व में Twitter) पर लिखा कि म्यांमार के सीनियर जनरल Min Aung Hlaing से बात की। विनाशकारी भूकंप में हुई जनहानि पर गहरी संवेदना व्यक्त की। एक करीबी मित्र और पड़ोसी के रूप में भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ खड़ा है।
यह भूकंप सागाइंग फॉल्ट (Sagaing Fault) में आए स्ट्राइक-स्लिप फॉल्टिंग (Strike-Slip Faulting) के कारण आया। USGS (United States Geological Survey) के अनुसार, भारतीय प्लेट (Indian Plate) उत्तर की ओर बढ़ रही है और यूरेशियन प्लेट (Eurasian Plate) से टकरा रही है, जिससे इस क्षेत्र में अक्सर तेज भूकंप आते हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उथली गहराई (Shallow Depth) वाले भूकंप ज्यादा विनाशकारी होते हैं क्योंकि इनका ऊर्जा केंद्र सतह के करीब होता है।
सरकारी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अभी भी कई लोग मलबे में फंसे हो सकते हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। राहत एवं बचाव कार्य तेजी से जारी है, लेकिन मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका बनी हुई है।
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