
यंगून। म्यांमार (Myanmar) की सैन्य सरकार (Junta) ने 2020 के चुनावों के दौरान चुनाव अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। सैन्य सरकार के इस आरोप के बाद पदच्युत नेता आंग सान सू की को एक और आरोपों का सामना करना पड़ेगा। आरोप है कि आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) ने बड़े पैमाने पर मतदाताओं के साथ धोखाधड़ी की है जिसके बाद तख्तापलट किया गया।
एक स्थानीय निगरानी समूह के अनुसार, 76 वर्षीय सू ची को पिछले साल एक फरवरी के तख्तापलट के बाद से हिरासत में लिया गया है। तख्तापलट के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए और लगभग 1,500 नागरिक मारे गए हैं।
दरअसल, नोबेल पुरस्कार विजेता को देश के आधिकारिक गुप्त कानूनों का उल्लंघन करने सहित कई आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। अगर उन सभी को दोषी ठहराया जाता है तो उन्हें 100 साल से अधिक की जेल की सजा का सामना करना पड़ सकता है।
मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि 2020 के चुनावों के दौरान देश के चुनाव आयोग को प्रभावित करने के आरोपों पर उन्हें एक और मुकदमे का सामना करना पड़ेगा, जिसमें उनकी पार्टी ने एक सैन्य-गठबंधन प्रतिद्वंद्वी को हराया था।
सूत्र ने कहा कि मामले को छह महीने के भीतर खत्म कर दिया जाएगा। पूर्व अध्यक्ष और नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी के दिग्गज विन मिंट पर भी यही आरोप लगाया जाएगा।
तख्तापलट के बाद से राष्ट्रीय चुनाव आयोग के कई वरिष्ठ सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिन पर एनएलडी की प्रचंड जीत का मास्टरमाइंड करने का आरोप है।
जुंटा ने चुनाव परिणामों को कर दिया था निरस्त
जुंटा ने पिछले साल जुलाई में 2020 के चुनाव के परिणामों को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि उसे धोखाधड़ी के लगभग 11.3 मिलियन उदाहरण मिले हैं। हालांकि, स्वतंत्र पर्यवेक्षकों ने कहा था कि चुनाव काफी हद तक स्वतंत्र और निष्पक्ष थे।
जुंटा ने अगस्त 2023 तक एक और चुनाव कराने का वादा किया है। वर्तमान में सैन्य और तख्तापलट विरोधी लड़ाकों के बीच लड़ाई से पूरा देश त्रस्त है। जुंटा ने चेतावनी दी है कि शोर-शराबे वाले विरोध प्रदर्शन या सेना के खिलाफ "प्रचार" साझा करने पर उच्च राजद्रोह या आतंकवाद विरोधी कानून के तहत आरोप लगाया जा सकता है। सू की को पहले ही अवैध रूप से वॉकी टॉकी आयात करने और उनके मालिक होने, सेना के खिलाफ उकसाने और कोविड -19 नियमों को तोड़ने के लिए छह साल जेल की सजा सुनाई जा चुकी है।
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