आतंकी खलील के साथी मसूद को पाकिस्तानी राजदूत बनाने का विरोध, अमेरिकी कांग्रेस ने बाइडेन को लिखा पत्र

अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य स्कॉट पेरी (Scott perry) ने बाइडेन को लिखे पत्र में कहा है कि मसूद खान ने आतंकवादियों और विदेशी आतंकवादी संगठनों दोनों की हमेशा तारीफ की है। इनमें हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठन भी शामिल हैं। उसने युवाओं को बुरहान वानी जैसे आतंकियों का अनुकरण करने के लिए प्रोत्साहित किया है। 

वॉशिंगटन। अमेरिकी कांग्रेस (Congress of united states) ने राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe biden) को एक पत्र लिखकर मसूद खान (Masood khan) को अमेरिका में पाकिस्तन का राजदूत (Pakisan envoy) बनाने पर गंभीर चिंता जताई है। इसमें कहा गया है कि इमरान खान (पाकिस्तानी प्रधानमंत्री) द्वारा आतंकवादियों के हमदर्द को नामित करना क्षेत्र में हमारे हितों के साथ ही भारतीय सहयोगियों की सुरक्षा को कमजोर करने वाला होगा। नंवबर में पाकिस्तान ने अमेरिका में राजदूत के लिए गुलाम कश्मीर के पूर्व राष्ट्रपति मसूद खान को नियुक्त किया था। 

अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य स्कॉट पेरी (Scott perry) ने बाइडेन को लिखे पत्र में कहा है कि मसूद खान ने आतंकवादियों और विदेशी आतंकवादी संगठनों दोनों की हमेशा तारीफ की है। इनमें हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठन भी शामिल हैं। उसने युवाओं को बुरहान वानी जैसे आतंकियों का अनुकरण करने के लिए प्रोत्साहित किया है। 

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आतंकियों के साथ रिश्ते का कच्चा चिट्‌ठा खोला
पत्र में बताया गया है कि 2017 में खान को संयुक्त राज्य अमेरिका ने हिजबुल मुहाहिदीन के नेता और प्रतिबंधों को अनुचित बताने पर खान को लताड़ लगाई थी। 2019 में मसूद खान ने फजलुर्रहमान खलील के साथ मंच साक्ष किया। फजलुर्रहमान खलील हरकत उल मुजाहिदीन नामक आतंकी संगठन का संस्थापक है और वैश्विक आतंकवादियों की सूची में शामिल है। खलील के अल कायदा के साथ करीबी संबंध रहे हैं। ओसामा बिन लादेन की मौत से पहले वह उसका करीबी भी रहा है। 1997 में अमेरिका खलील को ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित कर चुका है। खलील, ओसामा के इंटरनेशनल इस्लामिक फ्रंट का सक्रिय सदस्य था, जिसने 1998 में अमेरिका पर हमले का आह्वान किया था। पत्र में कहा गया है कि खान आतंकवाद के प्रति लगावों को लेकर उदाहरणों की लिस्ट काफी लंबी है। इससे यह बहुत स्पष्ट हो जाता है कि पाकिस्तान ने एक सुपर आतंकवादी के रूप में अपनी पहचान बना ली है। 

पत्र में मुंबई आतंकी हमलों में 166 मौतों का भी जिक्र 
उदाहरण के लिए, हम जानते हैं कि नामित राजदूत आतंकवादी समूहों जमात-ए-इस्लामी का समर्थक है। यह एक ऐसा समूह है जिसने 1970 के दशक की शुरुआत में नरसंहार करने में मदद की थी। इसी तरह हेल्पिंग हैंड फॉर रिलीफ एंड डेवलपमेंट ने भी लश्कर ए तैयबा जैसे विदेशी आतंकी संगठन के साथ साझेदारी करने में गुरेज नहीं किया, जो 2008 के मुंबई आतंकी हमले में 166 लोगों की हत्या का जिम्मेदार था। पत्र में कहा गया है कि इस बेईमान व्यक्ति ने अमेरिकी सैनिकों की हत्या की  दोषी आफिया सिद्धीकी की रिहाई की हमेशा मांग की है। 

पाकिस्तान के ऐसे हर प्रयास को रोकें
पेरी ने लिखा है कि मैं इस बात से उत्साहित हूं कि विदेश विभाग ने मसूद खान को पाकिस्तान के नए राजदूत के रूप में मंजूरी देने के लिए पर रोक लगा दी है, लेकिन यह रोक पर्याप्त नहीं है। स्कॉट पेरी ने कहा कि इस जिहादी को पाकिस्तान के राजदूत के रूप में स्थापित करने के पाकिस्तान सरकार के किसी भी प्रयास को अस्वीकार करें। 

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