गरीबी का दर्द: इस देश में रोटी के लिए बिक रहीं किडनी, धंधे का भारत से है नाता

म्यांमार में सैन्य सरकार और विरोधी गुटों के बीच संघर्ष के कारण गरीबी और भुखमरी बढ़ गई है, जिससे लोग अपने परिवार का पेट पालने के लिए अपनी किडनी तक बेचने को मजबूर हैं।

वर्ल्ड डेस्क। भारत के पड़ोसी देश म्यानमार (बर्मा) में सैन्य सरकार और विरोधी समूहों के बीच चल रही लड़ाई के चलते स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। सैन्य सरकार पर भुखमरी को विरोधियों के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल करने के आरोप लगे हैं। इस बीच CNN की रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां के गरीब लोग परिवार का पेट भरने के लिए अपनी किडनी तक बेच रहे हैं। वे इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं।

CNN की रिपोर्ट के अनुसार म्यानमार के माउंग माउंग (बदला हुआ नाम) ने अपनी किडनी बेची थी। 2022 में डिलीवरी ड्राइवर का काम करने वाले माउंग को विपक्षी ताकतों के लिए सामान ले जाने के संदेह में सैन्य सरकार ने हिरासत में लिया गया था। कई सप्ताह तक उन्हें प्रताड़ित किया गया। इस दौरान उनकी पत्नी को परिवार चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ा।

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तीन दिन भूखे रहे, फिर दिया किडनी बेचने का ऑफर

माउंग रिहा होकर बाहर आए तो पता चला कि नौकरी से निकाल दिया गया है। परिवार (पति, पत्नी और एक बेटी) के लोग तीन दिन भूखे रह तब वह मजबूर होकर एक इंटरनेट कैफे में गए। उन्होंने फेसबुक पर अपनी किडनी बेचने का ऑफर पोस्ट किया।

माउंग ने कहा, "उस पल मुझे लगा कि जिंदगी बहुत कठोर है। पैसे के लिए लोगों को लूटने या मारने के अलावा मेरे पास जीने का कोई और तरीका नहीं है। मेरी पत्नी भी ऐसी ही थी। वह अब इस दुनिया में नहीं रहना चाहती थी। सिर्फ अपनी बेटी की खातिर हम यहीं रहे।"

कुछ महीने बाद जुलाई 2023 में माउंग ट्रांसप्लांट सर्जरी के लिए भारत आए। एक अमीर चीनी-बर्मी कारोबारी ने उनकी किडनी 3079 डॉलर ( करीब 2.58 लाख रुपए) में खरीदी थी। ऐसा करने वाले माउंग अकेले नहीं हैं।

CNN के अनुसार म्यांमार में स्थिति ऐसी हो गई है कि गरीब लोग अमीरों को अपने अंग बेच रहे हैं। एजेंटों की मदद से वे प्रत्यारोपण के लिए भारत आते हैं। भारत और म्यामार दोनों देश में अंग बेचना गैरकानूनी है। इसके बाद भी यह काला धंधा चल रहा है।

म्यांमार में तख्तापलट से बढ़ गई है गरीबी

म्यांमार की सेना द्वारा तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा किए जाने से वहां गरीबी बढ़ गई है। देश के 5.4 करोड़ लोगों में लगभग आधे गरीबी रेखा से नीचे हैं। जुंटा सरकार के खिलाफ कई हथियारबंद समूह लड़ रहे हैं। इससे पूरे देश में हिंसा फैल गई। विदेशी निवेश में गिरावट आने से बेरोजगारी बढ़ गई है। महंगाई आसमान छू रही है। बुनियादी वस्तुओं की कीमतें इतनी बढ़ गईं कि ज्यादातर लोग उनका खर्च नहीं उठा पा रहे हैं। इसके चलते गरीबों को अपने शरीर के अंग तक बेचने पड़ रहे हैं।

26 साल की लड़की ने फेसबुक पर कहा- बेचनी है किडनी

26 साल की एक लड़की ने फरवरी में फेसबुक पर अपनी किडनी बेचने का विज्ञापन दिया। उसने कहा, "अपने शरीर का अंग बेचना हर किसी के लिए मुश्किल फैसला होता है। कोई भी ऐसा नहीं करना चाहता। मैं ऐसा सिर्फ इसलिए कर रही हूं क्योंकि मेरे पास कोई विकल्प नहीं है।"

लड़की ने कहा, "मैं नर्स बनना चाहती थी। 18 साल की उम्र में यांगून में एक कपड़ा फैक्ट्री में काम करना शुरू किया। 100 डॉलर (करीब 8300 रुपए) के वेतन से परिवार नहीं चल रहा है। मेरी चाची को कैंसर है। उसके इलाज का खर्ज बढ़ता जा रहा है। मैं ऐसी कठिन स्थिति में जीवित रहने की पूरी कोशिश कर रही हूं। कई दिन ऐसे भी थे जब मैं रोई थी। कई दिन ऐसे भी थे जब मेरे पास खाने के लिए कुछ नहीं था।"

एक रात नींद नहीं आने के कारण वह फेसबुक पर स्क्रॉल कर रही थी। उसकी उसकी नजर एक ऐसे ग्रुप पर पड़ी, जिसमें लोग अपनी किडनी बेचने की पेशकश कर रहे थे। लड़की ने अपनी किडनी बेचने के लिए लिखा, "मैं अपनी किडनी दान करना चाहती हूं। मेरा ब्लड ग्रुप O है। मुझे अपनी आंटी के लिए पैसे चाहिए। उन्हें कैंसर है। ऑपरेशन कराना है। मेरी उम्र 26 साल है। मैं शराब नहीं पीती।"

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