
वाशिंगटन: अमेरिकी सीनेट ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के 550वें प्रकाशपर्व के अवसर पर इसके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के साथ ही अमेरिका में सिखों के योगदान को रेखांकित किया है। इंडियाना से रिपब्लिकन सीनेटर टॉड यंग और मेरीलैंड से डोमोक्रेटिक सीनेटर बेन कार्डिन द्वारा पेश किए गए सिख धर्म पर अपनी तरह के पहले प्रस्ताव को गुरुवार को सिखों के पहले गुरु के 550वें प्रकाश पर्व पर पारित किया गया।
प्रस्ताव का सभी ने किया खुले दिल से स्वागत
प्रस्ताव में कहा गया कि अमेरिका और दुनियाभर में सिख समानता, सेवा और ईश्वर के प्रति भक्ति के मूल्यों और आदर्शों के साथ रहते हैं, जिसकी शिक्षा सर्वप्रथम गुरु नानक ने दी थी। सीनेट के प्रस्ताव में चार प्रमुख सिखों का भी जिक्र था जिन्होंने अमेरिका के लिए योगदान दिया। इस प्रस्ताव में जिन सिखों को शामिल किया गया उनमें दलीप सिंह सौंद, डॉ. नरिंदर कपानी, दिनार सिंह बैंस और गुरिंदर सिंह खालसा शामिल हैं। सौंद पहले एशियाई-अमेरिकी सांसद हैं जो 1957 में इस पद के लिए निर्वाचित हुए थे।
कपानी ने फाइबर ऑप्टिक्स का अविष्कार किया था। बैंस आड़ू के सबसे बड़े उत्पादक हैं, जबकि खालसा प्रतिष्ठित रोसा पार्क्स ट्रेलब्लेजर अवार्ड से सम्मानित हैं। इंडियाना स्थित खालसा ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
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