भारतीय नागरिक प्रियंका भट्टाचार्य राजेश (29) और माल्कर सावलाराम अनंत (49) पर महिलाओं के उत्पीड़न का आरोप भी लगा था। इनमें से एक महिला को देह व्यापार में धकेला गया। दोषी दंपति को 19 दिसंबर को सजा सुनाई जाएगी।
सिंगापुर: सिंगापुर के बोट क्वे में दो क्लब चलाने वाले एक भारतीय दंपति को तीन बांग्लादेशी महिलाओं को अवैध तरीके से यहां लाने के मामले में शुक्रवार को दोषी पाया गया।
‘चैनल न्यूज एशिया’ के मुताबिक भारतीय नागरिक प्रियंका भट्टाचार्य राजेश (29) और माल्कर सावलाराम अनंत (49) पर महिलाओं के उत्पीड़न का आरोप भी लगा था। इनमें से एक महिला को देह व्यापार में धकेला गया। दोषी दंपति को 19 दिसंबर को सजा सुनाई जाएगी।
महिलाओं के साथ किया जाता था दुर्व्यवहार
जानकारी के मुताबिक, इन महिलाओं को ‘कंगन’ और ‘किक’ क्लबों में डांसर के तौर पर नौकरी और 60,000 बांग्लादेशी टका (982 सिंगापुरी डॉलर) दिए जाने का वादा किया गया था। महिलाओं को यहां बहुत ही खराब परिस्थितियों में रखा गया। किसी भी महिला को बख्शीश की वह राशि रखने की भी अनुमति नहीं थी, जो ग्राहक उन्हें देते थे। इसके अलावा इनमें से दो महिलाओं को उनका मासिक वेतन भी नहीं दिया गया।
चैनल ने बताया कि महिलाओं से उनके पासपोर्ट जमा करने को कहा गया था और उन्हें उनके काम करने के ‘परमिट’ भी नहीं दिए गए। महिलाओं को बीमारी में काम करने को मजबूर किया जाता था और उनसे सप्ताह के सातों दिन काम कराया जाता था। पुलिस को मिली एक खुफिया सूचना के आधार पर ‘मिनिस्ट्री ऑफ मैनपावर’ के साथ संयुक्त अभियान के बाद दंपति के अपराधों का खुलासा हुआ।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)