
Nepal Gen Z Protest: नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बैन किए जाने के खिलाफ सोमवार को उग्र विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। मंगलवार को इसने सत्ता विरोधी हिंसक आंदोलन का रूप ले लिया। इसके चलते पीएम के.पी. शर्मा ओली को पद छोड़ना पड़ा। नेपाल में राजनीतिक संकट खत्म नहीं हो रहा। अंतरिम नेता कौन होगा, इसके लिए एक के बाद एक, नए नाम आ रहे हैं।
चर्चा है कि जेन जेड प्रदर्शनकारियों द्वारा NEA (Nepal Electricity Authority) के पूर्व MD (Managing Director) कुलमान घीसिंग को अंतरिम नेता के रूप में पसंद किया गया है। उन्हें नेपाल में लंबे समय से चली आ रही बिजली की कमी को समाप्त करने के पीछे के मास्टरमाइंड के रूप में जाना जाता है। घीसिंग का भारत से खास नाता है। उन्होंने यहां पढ़ाई की है।
कुलमन घीसिंग का जन्म बेथन के रामेछाप के एक सुदूर गांव में 25 नवंबर 1970 को हुआ था। गांव से निकलकर उन्होंने पूरे देश में प्रसिद्धि पाई। उन्होंने भारत के जमशेदपुर स्थित क्षेत्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Regional Institute of Technology) और बाद में नेपाल के पुलचौक इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उन्होंने एमबीए भी किया है।
घीसिंग ने 1994 में NEA में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में करियर शुरू किया था। उन्होंने तकनीकी और प्रशासनिक, दोनों ही भूमिकाओं में व्यापक अनुभव प्राप्त किया। इसमें जलविद्युत परियोजनाओं में महत्वपूर्ण पद भी शामिल हैं।
कुलमन घीसिंग ने 2016 में एनईए की कमान संभाली। उस समय नेपाल में रोज 18 घंटे तक बिजली कटौती हो रही थी। ब्लैकआउट एक आम बात हो गई थी। इससे व्यापार, शिक्षा और रोजमर्रा की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो रही थी। इस संकट के हल के लिए घीसिंग ने रणनीतिक सुधार लागू किए। इससे न केवल बिजली कटौती खत्म हुई, बल्कि एनईए एक लाभदायक संस्थान में बदल गया।
बलेंद्र शाह: सबसे पहले काठमांडू के मेयर बलेंद्र शाह का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए लोकप्रिय विकल्प के रूप में सामने आया था। शाह रैपर और इंजीनियर भी हैं। वह प्रधानमंत्री पद के लिए जेनरेशन जेड की "पहली प्राथमिकता" थे, लेकिन कथित तौर पर उन्होंने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। बाद में शाह ने इस पद के लिए सुशीला कार्की का समर्थन किया।
सुशीला कार्की: जेनरेशन जेड के प्रदर्शनकारियों ने अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को भी पसंद किया है। हालांकि जेनरेशन जेड के प्रतिनिधियों के बीच उनके नाम को लेकर राय बंटी हुई है। कुछ लोगों का मानना है कि उम्र और संवैधानिकता के लिहाज से सुशीला कार्की प्रधानमंत्री पद के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
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दुर्गा प्रसाई: व्यवसायी दुर्गा प्रसाई ने सैन्य अड्डे पर सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल से बातचीत की है। उन्होंने कहा कि उन्हें नेतृत्व में कोई दिलचस्पी नहीं है। हालांकि, वह किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं।
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