नेपाल : प्रधानमंत्री ओली का इस्तीफे से इनकार, जानिए कैसे एक चीन की महिला बना और गिरा रही सरकार

नेपाल में राजनीतिक संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की बैठक टल गई है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। बता दें कि प्रचंड और ओली के बीच शुक्रवार को तीन घंटे बैठक हुई थी। इसके बाद भी दोनों के बीच कोई समझौता नहीं हुआ। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 4, 2020 7:01 AM IST / Updated: Jul 04 2020, 12:52 PM IST

नेपाल. नेपाल में राजनीतिक संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की बैठक टल गई है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। बता दें कि प्रचंड और ओली के बीच शुक्रवार को तीन घंटे बैठक हुई थी। इसके बाद भी दोनों के बीच कोई समझौता नहीं हुआ। आज सुबह 9 बजे से प्रधानमंत्री और प्रचंड की बैठक होनी थी। इसके बाद 11 बजे पार्टी की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक होनी थी। अब ये बैठक सोमवार 6 जुलाई को होगी। 

चीनी राजदूत से लगातार संपर्क में हैं ओली
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को एक बार फिर से नेपाल में चीनी राजदूत होउ यांकी संकट मोचक बनकर उभरी हैं। नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की बैठक में पीएम ओली से इस्तीफे की मांग के बाद चीनी राजदूत होउ यांकी तुरंत सक्रिय हो गईं। इसके बाद उन्होंने मामले में हस्तक्षेप किया और पीएम ओली की सत्ता पर मंडरा रहे संकट के बादल को फिलहाल टाल दिया।

 

ओली से क्यों मांगा जा रहा इस्तीफा?
नेपाल में दो कम्युनिस्ट पार्टियों ने साथ में आकर सरकार बनाई थी, जिसमें एक-एक कार्यकाल के हिसाब से प्रधानमंत्री पद तय हुआ था। इस बीच जब केपी ओली से प्रधानमंत्री पद का इस्तीफा मांगा गया तो पार्टी में भी उनके लिए विरोध शुरू हो गया और पार्टी के प्रमुख पद से इस्तीफा मांगा गया।

ओली ने भारत के खिलाफ दिया था बयान
नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने नेपाल के नए नक्शों संबंधी विवाद खड़ा कर भारत के लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को अपनी सीमा में दिखाया। ओली ने कहा था चीन से आए वायरस की तुलना में भारतीय वायरस ज्यादा खतरनाक हैं।

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