
निकारागुआ( Nicaragua). निकारागुआ के चुनाव(Nicaragua Elections) में फिर तानाशाही हावी रही है। सेंट्रल अमेरिकी इस देश में विवादास्पद चुनावों के बाद डेनियल ओर्टेगा (Daniel Ortega) चौथी बार राष्ट्रपति बने रहेंगे। उनके शपथ ग्रहण से एक दिन पहले यानी रविवार को देश की नई संसद के सदस्यों ने पदभार ग्रहण कर लिया। जिन 90 सांसदों ने शपथ ली, उनमें से 75 ओर्टेगा की सैंडिनिस्टा पार्टी के सदस्य हैं, जबकि अन्य 15 छोटे दलों से जुड़े हैं। ये सभी डेनियल के समर्थक हैं। सैंडिनिस्टा के वरिष्ठ नेता और सांसद गुस्तावो पोरस को सांसदों ने एकसदनीय संसद के नेता के रूप में चुना।
विरोधियों को जेल में डाला
बता दें कि यहां की संसद के लिए नवंबर में चुनाव हुआ था। हालांकि इन चुनाव को लेकर दुनियाभर में आलोचना हुई थी। दुनियाभर के देशों ने इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ बताया था। इस चुनाव को एक ड्रामा बताया गया था। जिन नेताओं ने डेनियल को चुनौती दी थी, उन्हें गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया। हैरानी की बात यह है कि उन्हें चुनाव से कुछ महीने पहले ही जेल में डाल दिया गया था। निकारागुआ की सरकार ने नवंबर में घोषणा की थी कि वह ‘ऑर्गेनाइजेशन ऑफ अमेरिकन स्टेट्स’ (ओएएस) से स्वयं को अलग करेगी।
दमन का आरोप लगा
बता दें कि ओएएस एक क्षेत्रीय निकाय है, जिसने ओर्टेगा की सरकार पर दमन और चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। ओएएस महासभा ने इस चुनाव की निंदा की करते हुए कहा था, ‘यह स्वतंत्र, निष्पक्ष या पारदर्शी चुनाव नहीं थे। वहीं, इसमें लोकतांत्रिक वैधता का अभाव था।’ ओएएस के सदस्य देशों में से 25 ने चुनाव के खिलाफ वोटिंग की थी। हालांकि मेक्सिको सहित सात देश वोटिंग से अलग रहे। सिर्फ निकारागुआ ने ही इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया था। कहा जा रहा है कि डेनियन के शपथ ग्रहण समारोह में चीन, उत्तर कोरिया, ईरान, रूस और सीरिया के प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं।
चीन ने बढ़ाई दोस्ती
तानाशाह देश चीन और उत्तर कोरिया ने डेनियल से हाथ मिलाया है। 1990 में चीन ने निकारागुआ में अपना दूतावास खोला था। चीन डेनियल से इस बात से खुश है कि क्योंकि उन्होंने ताइवान से संबंध समाप्त कर दिए। चीन पहले से ही ताइवान को हथियाने में लगा है। ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश मानता है। चीन ने डेनियल की कई बार मदद की। कोविड-19 की वैक्सीन मुहैया भी कराईं। डेनियल की सरकार और चीन के बीच 1985 में बेहतर रिश्ते बने थे। हालांकि जब 1990 में डेनियल राष्ट्रपति का चुनाव हार गए, तो नए राष्ट्रपति विलेटा कामारो की सरकार ने ताइवान को मान्यता दे दी थी। इससे चीन बौखला गया था।
फाइल फोटो-निकारागुआ के राष्ट्रपति डैनियल ओर्टेगा और उनकी पत्नी और उपराष्ट्रपति रोसारियो मुरिलो। क्रेडिट-एपी फोटो/अल्फ्रेडो ज़ुनिगा
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