
नई दिल्ली। 17 साल तक अमेरिका में रहने के बाद एक NRI कपल का भारत लौटने का फैसला सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। कपल ने अपने वीडियो में बताया कि वे अमेरिका में अच्छी नौकरी, बड़ा घर और सेट लाइफ के बावजूद धीरे-धीरे एक ऐसे सिस्टम में फंसते जा रहे थे, जिसने उनके फाइनेंस और मानसिक शांति दोनों पर गहरा असर डाला-US का बेहद महंगा और जटिल हेल्थकेयर सिस्टम। कपल के जुड़वां बच्चे हैं और परिवार के लिए हर छोटे से छोटे मेडिकल प्रोसेस पर आने वाला खर्च उनके बजट को हिला देता था। उन्होंने बताया कि हर साल इंश्योरेंस के बावजूद उन्हें $14,000 डॉलर आउट-ऑफ़-पॉकेट डिडक्टिबल (Out-of-Pocket Deductible) देना पड़ता था। इसके ऊपर महीने का इंश्योरेंस प्रीमियम ही $1,600 डॉलर था-वह भी सिर्फ हसबैंड और वाइफ के लिए। बच्चों को शामिल करने पर खर्च और भी बढ़ जाता।
कपल के मुताबिक, अमेरिका में डॉक्टर तक पहुंचना आसान नहीं था। अपॉइंटमेंट के लिए लंबा इंतज़ार, सिस्टम की पेचीदगियाँ और हर विज़िट पर भारी खर्च, छोटी-छोटी समस्याओं को भी महंगा और स्ट्रेसफुल बना देता था। उन्होंने कहा “US हेल्थ केयर किसान की तरह है-आपको हर चीज़ धीरे-धीरे खुद भरनी होती है, चाहे आपके पास इंश्योरेंस क्यों न हो।” धीरे-धीरे यह सिस्टम उनके लिए ‘लग्ज़री’ जैसा महसूस होने लगा। कई बार जरूरी मेडिकल जरूरतें भी पैसों के डर से टालनी पड़ती थीं। यही वजह थी कि उन्हें लगा, अमेरिका में वे सिर्फ सर्वाइव कर रहे हैं, जी नहीं रहे।
कपल ने बताया कि डिडक्टिबल पूरा होने तक हर टेस्ट, हर दवाई, हर डॉक्टर विज़िट का पैसा जेब से देना पड़ता है। किसी भी इमरजेंसी या बीमारी में हजारों डॉलर एक झटके में खर्च हो जाते हैं। उनके अनुसार, सिर्फ हेल्थकेयर ही ऐसा क्षेत्र है जो अमेरिका में लोगों को आर्थिक रूप से ‘कुचल’ देता है।
भारत लौटने के बाद कपल ने महसूस किया कि यहां हेल्थकेयर आसान, तेज़ और पहुंच के भीतर है।
कपल कहता है कि “भारत परफेक्ट नहीं है, लेकिन यहां हेल्थकेयर लग्ज़री नहीं लगता। यहां वह राहत है जिसकी हमें ज़रूरत थी।”
अमेरिका में बच्चों के साथ रहना और सब कुछ अकेले संभालना मुश्किल हो रहा था। भारत आकर उन्हें परिवार का सपोर्ट मिला, जिससे जिंदगी का बोझ हल्का लगता है। उन्होंने कहा कि “यह कदम भागने के लिए नहीं था, बल्कि उस जिंदगी की तरफ बढ़ने के लिए था जहां हेल्थकेयर बोझ न हो और मातृत्व अकेली लड़ाई न लगे।”
कमेंट्स में कई यूज़र्स ने बताया कि उनकी भी यही समस्या है। एक यूज़र ने कहा कि उनकी डॉक्टर भाभी की अपेंडिसाइटिस सर्जरी (Appendicitis Surgery) US में $45,000 डॉलर में हुई, जबकि भारत में वही इलाज ₹30,000 में हो जाता है। एक अन्य वायरल वीडियो में एक अमेरिकी महिला ने भारत में सिर्फ ₹50 में इलाज होने का अनुभव साझा किया।
कपल का कहना है कि दोनों देशों के अपने फायदे और नुकसान हैं, लेकिन भारत ने उन्हें वही दिया जिसकी उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत थी-शांति, सपोर्ट सिस्टम और एक्सेसिबल हेल्थकेयर। यह कहानी सिर्फ एक परिवार का फैसला नहीं, बल्कि एक बड़ा सवाल है कि क्या US का महंगा हेल्थकेयर NRI परिवार को वापस भारत लौटने पर मजबूर कर रहा है?
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।