
प्रिटोरिया। ओमीक्रोन (Omicron) के कहर से जहां दुनिया के तमाम देश तबाह हैं वहीं दक्षिण अफ्रीका (South Africa) ने कोविड-19 (Covid-19) के जांच और क्वारंटीन (quaratine) पर रोक लगा दी है। कोविड-19 प्रोटोकाल अपनाने की बजाय साउथ अफ्रीका सरकार ने अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने और अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने के व्यवाहारिक दृष्टिकोण को अपनाने का निर्णय लिया है। सरकार का मानना है कि प्रतिबंधों की वजह से लोगों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है जिससे देश-समाज प्रभावित हो रहा। सरकार ने कहा कि किसी प्रतिबंध की बजाय अब वायरस के साथ जीने के तरीकों की तलाश करना ज्यादा जरूरी है।
हर्ड इम्युनिटी की ओर साउथ अफ्रीका
दरअसल, दक्षिण अफ्रीका के आर्थिक केंद्र गौतेंग में ओमीक्रोन लहर की शुरुआत से ठीक पहले किए गए एक सीरो-सर्वेक्षण (Sero Survey) ने संकेत दिया कि पहली तीन लहरों के दौरान 72% लोग संक्रमित हुए थे। कोविड-19 में सीरो-पॉजिटिविटी 79% और 93% थी। सीरो-सर्वेक्षण के आंकड़ों से पता चलता है कि देश में कोरोना के खिलाफ प्रतिरक्षा पहली तीन लहर के दौरान और वैक्सीनेशन से पहले प्राकृतिक संक्रमण के माध्यम से विकसित हुई।
जोखिम को कम करने के लिए बूस्टर डोज अभियान
एंटीबॉडी की उपस्थिति टी-सेल प्रतिरक्षा (T-Cell) के लिए एक सुरक्षा कवच है, जो गंभीर संक्रमण के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। टी-सेल प्रतिरक्षा कम से कम अगले 6-12 महीनों के लिए बने रहना चाहिए। इसके लिए उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए बूस्टर डोज सहित टीकों की अधिक मात्रा सुनिश्चित करने के अभियान को जारी रखने की आवश्यकता है।
इन निर्देशों पर फिर से विचार करेगी सरकार
साउथ अफ्रीकन सरकार उन सभी प्रोटोकॉल्स पर ढील देगी जो क्लिनिकली आवश्यक नहीं है। सरकार थर्मल स्क्रीनिंग, हाथ धोने जैसे नियमों में छूट देगी। आउटडोर गेम्स पर से भी प्रतिबंध हटाएगी। इसके अलावा वेंटीलेशन वाले इनडोर प्लेसस पर भी खेल आदि के आयोजन को सुनिश्चित करेगी।
अस्पतालों में भर्ती होने की कम पड़े जरूरत
सरकार का लक्ष्य अस्पताल में भर्ती होने से बचाने और मृत्यु को कम करना है। दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रोन लहर में मृत्यु दर डेल्टा की तुलना में लगभग दसवां हिस्सा होने की राह पर है। यह संभवतः मौसमी इन्फ्लूएंजा प्री-कोविड से होने वाली मौतों (प्रति वर्ष 10,000 से 11,000) के बराबर है। इस मृत्यु दर को अन्य रोकी जा सकने वाली मौतों के सापेक्ष भी माना जाना चाहिए। टीबी एक उदाहरण है, जिसके कारण 2019 में दक्षिण अफ्रीका में 58,000 लोगों की मौत होने का अनुमान है।
वैक्सीनेशन को जारी रखा जाएगा
साउथ अफ्रीका वैक्सीनेशन पर अधिक जोर देगा। वैक्सीनेशन अभियान को 90 प्रतिशत तक बढ़ाया जायेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि वैक्सीनेशन को बढ़ाने से विशेष रूप से 50 वर्ष आयु वर्ग में संक्रमण को कम करने में बहुत मदद मिलेगी।
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