Published : Jun 28, 2025, 03:19 PM ISTUpdated : Jun 28, 2025, 03:27 PM IST
B-2 Spirit stealth bombers: अमेरिका द्वारा 21–22 जून को ईरान के परमाणु ठिकाने पर किए गए हमले के बाद से बी-2 स्पिरिट स्टेल्थ बमवर्षक चर्चा में है। यह सिर्फ अमेरिका के पास है। अमेरिका इसे किसी देश को नहीं बेचता।
बी-2 दुनिया का सबसे महंगा विमान है। ब्रिटानिका इनसाइक्लोपीडिया ऑनलाइन के अनुसार, एक बी-2 स्पिरिट बॉम्बर को विकसित करने में 2 बिलियन डॉलर (17,142 करोड़ रुपए) खर्च हुआ है। अगर इसे निर्यात किया जाता तो कीमत और बढ़ जाती। बी-2 का रखरखाव बेहद महंगा है। इसे उड़ाने से लेकर जमीन पर खड़ा रखने तक पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। इजरायल की लगातार मांग के बावजूद अमेरिका ने इस बॉम्बर को किसी भी देश को नहीं बेचा है।
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एक बी-2 बॉम्बर की कीमत में कितने तेजस लड़ाकू विमान मिल जाएंगे?
बी-2 स्पिरिट बॉम्बर की तुलना भारत के स्वदेशी तेजस एमके1ए फाइटर जेट से करें तो कीमत में बहुत बड़ा अंतर साफ दिखता है। एक बी-2 स्पिरिट बॉम्बर की लागत 17,142 करोड़ रुपए। वहीं, HAL द्वारा विकसित 1 तेजस एमके1ए की कीमत 600 से 638 करोड़ रुपए के बीच है। इस प्रकार, भारत एक बी-2 स्पिरिट बॉम्बर की कीमत में 28 से 29 तेजस एमके1ए जेट बना सकता है।
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1 B-2 की कीमत में मिल सकते हैं कितने F-35 विमान?
बी-2 बमवर्षक की तुलना में पांचवीं पीढ़ी के अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ-35 लाइटनिंग टू की कीमत भी बहुत कम है। F-35 की कीमत करीब 110 मिलियन डॉलर (942 करोड़ रुपए) है। अमेरिका इसे अपने बेहद करीबी सहयोगियों को बेचता है। एक बी-2 स्पिरिट बॉम्बर की कीमत पर 18 एफ-35 जेट खरीदे जा सकते हैं।
फ्रांस के डसॉल्ट राफेल लड़ाकू विमान के बेस मॉडल की कीमत F-35 के समान ही है। एक B-2 की कीमत में 20 राफेल विमान खरीदे जा सकते हैं। हालांकि, भारत द्वारा खरीदे गए 36 राफेल विमानों को खास जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी हद तक कस्टमाइज किया गया था। इससे प्रत्येक विमान की कीमत 2,057 करोड़ रुपए हो गई थी।