Operation Sindoor से भारी नुकसान के बाद मसूद अजहर की नई चाल, बनाई महिला इकाई, बहन संभालेगी कमान

Published : Oct 09, 2025, 06:47 PM IST
Jaish E Mohammad Chief Masood Azhar

सार

पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पहली महिला ब्रिगेड की स्थापना की है। इसका नाम जमात उल मोमिनात है। इसकी कमान मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर संभालेगी। इसमें महिला आतंकियों की भर्ती शुरू हो गई है।

Jaish-e-Mohammed women unit: भारत द्वारा 7 मई 2025 को लॉन्च किए गए ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को भारी नुकसान हुआ। इंडियन एयरफोर्स के हवाई हमले से पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित जैश का मुख्यालय मरकज सुभानअल्लाह तबाह हो गया। इसके बाद जैश प्रमुख मौलाना मसूद अजहर ने नई चाल चली है। उसने महिला आतंकियों की पहली यूनिट जमात उल मोमिनात बनाई है। इस यूनिट के लिए महिला आतंकियों की भर्ती 8 अक्टूबर से शुरू हो गई।

जैश-ए-मोहम्मद के महिला विंग की कमान संभालेगी सादिया अजहर

India Today की रिपोर्ट के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद के महिला विंग की कमान मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर संभालेगी। उनका पति यूसुफ अजहर, मसूद अजहर के परिवार के उन सदस्यों में से था जो 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत किए गए हमलों में मारे गए।

जैश-ए-मोहम्मद ने अपने सदस्यों की पत्नियों के साथ-साथ बहावलपुर, कराची, मुजफ्फराबाद, कोटली, हरिपुर और मनसेहरा में अपने केंद्रों में पढ़ने वाली गरीब महिलाओं को भर्ती करना शुरू कर दिया है।

मनोवैज्ञानिक युद्ध चलाएगी जैश-ए-मोहम्मद की महिला इकाई

जैश-ए-मोहम्मद की महिला इकाई का काम मनोवैज्ञानिक युद्ध चलाना है। ये महिलाएं दुष्प्रचार और जमीनी स्तर पर भर्ती के काम देखेंगी। जमात-उल-मोमिनात की गतिविधियां सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप और कुछ मदरसों के नेटवर्क के जरिए फैल रही हैं। यह जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और दक्षिण भारत के कुछ इलाकों में ऑनलाइन नेटवर्क के जरिए सक्रिय हो गया है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद जैश-ए-मोहम्मद ने बदली रणनीति

बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद ने परंपरागत रूप से महिलाओं को सशस्त्र जिहाद या युद्ध अभियानों में भाग लेने से बैन किया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद उसने अपनी रणनीति बदली है। मसूद अजहर और उसके भाई तल्हा अल-सैफ ने मिलकर जैश-ए-मोहम्मद के संचालन ढांचे में महिलाओं को शामिल करने के फैसले को मंजूरी दी। इसके बाद विशेष महिला ब्रिगेड की स्थापना हुई।

यह भी पढ़ें- भारत की आंख में क्यों चुभ रहा पाकिस्तान? पड़ोसी मुल्क के पूर्व NSA ने बताई 1 बड़ी वजह

ISIS, बोको हराम, हमास और लिट्टे जैसे आतंकवादी समूहों का महिलाओं को आत्मघाती हमलावरों के रूप में इस्तेमाल करने का इतिहास रहा है। वहीं, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठन ऐसा करने से बड़े पैमाने पर बचते रहे हैं।

यह भी पढ़ें- पाकिस्तान ने ट्रंप को दिया अरब सागर में पोर्ट बनाने का ऑफर, भारत पर कितना असर?

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

फील्ड मार्शल असीम मुनीर पर इमरान के आरोपों का आर्मी ने दिया जवाब, बताया 'मेंटली इल'
मुनीर को गिरफ्तार करें और भारत से माफी मांगे ट्रंप-पूर्व पेंटागन अफसर की चौंकाने वाली डिमांड क्यों?