
Operation Sindoor: भारत की सेनाओं ने मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया। पाकिस्तानी सेना के DG ISPR ने कोटली, मुरीदके और बहावलपुर में 5 ठिकानों पर हमले की बात स्वीकार की है। ऑपरेशन सिंदूर नाम के इस हमले का मुख्य लक्ष्य जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी ठिकाने थे।
मुरीदके लाहौर से करीब 33 किलोमीटर दूर है। यहां लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मरकज-ए-तैयबा है। इसका संचालन जमात-उद-दावा द्वारा किया जाता है। जमात-उद-दावा लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा है। बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय की तरह मरकज़ परिसर भी लश्कर का मुख्य केंद्र है। पाकिस्तान और कश्मीर से भर्ती किए गए युवाओं को ट्रेनिंग देने के लिए यहां लाया जाता है। यहां आतंकवादी हमले करने की योजना बनाई जाती है।
मरकज-ए-तैयबा 200 एकड़ में फैला है। यह सिर्फ पाकिस्तान नहीं, विश्व भर में सबसे बड़े आतंकवादी ठिकानों में से एक है। इसकी स्थापना 1980 के दशक के अंत में लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज मुहम्मद सईद ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI (इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस) के समर्थन से की थी।
सैटेलाइट इमेज से पता चला है कि मरकज आधुनिक सुविधाओं वाला एक टाउनशिप है। इसका केंद्र एक मस्जिद है। यह शिक्षण केंद्रों से घिरा हुआ है। बड़े खुले इलाके का इस्तेमाल नए आतंकवादियों को ट्रेनिंग देने के लिए होता है। रंगरूटों के लिए, स्कूलों, मदरसों और रहने के क्वार्टरों के अलावा, अस्पताल, कार्यालय, बैंक और अन्य सुविधाएं हैं।
मरकज की स्थापना मूल रूप से 1980 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ अफगान लड़ाई का समर्थन करने के लिए की गई थी। सोवियत संघ के पीछे हटने के बाद इसे भारत विरोधी आतंकवाद के लिए अड्डे में बदल दिया गया। 2008 में लश्कर ने मुंबई हमलों के लिए मरकज में कई आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी थी। अजमल कसाब ने यह खुलासा किया था।
हाफिज मुहम्मद सईद कुख्यात आतंकी है। उसका जन्म 1950 में पाकिस्तान के सरगोधा में हुआ था। उसे कई देशों और संगठनों ने वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है। हाफिज सईद ने सऊदी अरब के एक यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की है।
2001-2002 (भारतीय संसद पर हमले के बाद) से सईद पाकिस्तानी जेलों में आता-जाता रहा है। 2012 में अमेरिका ने सईद पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था। 2020 में उसे आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए 11 साल की जेल की सजा सुनाई गई। सईद लाहौर में ISI की सुरक्षा में रह रहा है। 2023 में पाकिस्तान ने उसके प्रत्यर्पण के लिए भारत के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था।
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