
Pahalgam Attack: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने हमला किया था। इसके चलते भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। पाकिस्तान को डर है कि भारत हमला करेगा। वह दुनिया भर के देशों से गुहार लगा रहा है कि भारत के साथ तनाव कम कराए।
इसी क्रम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खाड़ी देशों के राजदूतों से मुलाकात की और समर्थन मांगा। सऊदी अरब, कुवैत और यूएई के राजदूतों के साथ शहबाज शरीफ ने अलग-अलग बैठकें की। शरीफ ने सऊदी अरब सहित अन्य देशों से कहा कि भारत पर तनाव कम करने के लिए दबाव डालें।
पाकिस्तान ने अमेरिका से भी मदद मांगी है। अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रिजवान सईद शेख ने राष्ट्रपति ट्रंप से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम कराने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि कोई भी गलत कदम परमाणु जंग की ओर ले जा सकता है। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से फोन पर बात की है। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने मार्को रुबियो से फोन पर बात की है। दूसरी ओर पाकिस्तान से चीन से 1.4 अरब डॉलर कर्ज देने की गुहार लगाई है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, भारत कथित तौर पर पाकिस्तान पर दोहरी वित्तीय कार्रवाई की योजना बना रहा है ताकि सीमा पार आतंकवाद के लिए उसके समर्थन को रोका जा सके और विश्व मंच पर इस्लामाबाद को कमज़ोर किया जा सके। भारत पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की ग्रे सूची में शामिल करवाने की कोशिश कर सकता है। दूसरे, भारत द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक पर पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सहायता की समीक्षा और पुनर्मूल्यांकन करने के लिए दबाव डालने की भी उम्मीद है।
इस बीच ऐसी रिपोर्ट आई है कि भारत पाकिस्तान को IMF से मिल रही मदद रुकवाने की कोशिश कर सकता है। भारत IMF और विश्व बैंक से संपर्क कर सकता है। उनसे पाकिस्तान को दिए जाने वाले फंड और कर्ज की फिर से जांच करने का आग्रह कर सकता है। IMF बोर्ड अपने जलवायु लचीलापन ऋण कार्यक्रम के तहत पाकिस्तान के लिए 1.3 बिलियन अमरीकी डालर की नई व्यवस्था का मूल्यांकन करने वाला है। इसके साथ ही IMF पाकिस्तान के लिए चल रहे 7 बिलियन अमरीकी डालर के बेलआउट पैकेज का भी आकलन करेगा।
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