पाकिस्तान के सरकारी कर्मचारी अपनी सैलरी को लेकर आक्रोशित हैं। शुक्रवार को कर्मचारियों ने सैलरी में 25% बढ़ोतरी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। कर्मचारी राष्ट्रीय बजट 21-22 में 10% वृद्धि के प्रावधान भी विरोध कर रहे थे। जब नेशनल असेंबली में बजट पेश किया जा रहा था, तब बाहर कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे थे।
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में आर्थिक तंगी बढ़ती ही जा रही है। शुक्रवार को जब यहां राष्ट्रीय बजट पेश किया गया, तब सरकारी कर्मचारी आंदोलन पर उतर आए।कर्मचारियों ने अपनी सैलरी में 25% बढ़ोतरी की मांग को लेकर जबर्दस्त प्रदर्शन किया। सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय बजट 21-22 में 10% वृद्धि प्रावधान का भी विरोध कर रहे थे।
तीन सालों से नहीं बढ़ी सैलरी
पाकिस्तान के सरकारी कर्मचारियों की सैलरी पिछले 3 साल से नहीं बढ़ाई गई है। इसे लेकर पहले भी प्रदर्शन होते रहे हैं। पाकिस्तान के मीडिया GEO के मुताबिक, प्रदर्शनकारी संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण की भी मांग कर रहे हैं। जब वित्त मंत्री शौत तरीन नेशनल असेंबली में राष्ट्रीय बजट पेश कर रहे थे, तब सरकारी कर्मचारी बाहर प्रदर्शन करने लगे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने नेशनल असेंबली के मुख्य द्वार पर धरना दिया। उन्होंने शाहराह-ए-दस्तूर(संविधान एवेन्यू) ब्लॉक कर दिया।
कंटील तार लांघकर असेंबली परिसर में घुसे
प्रदर्शनकारियों को रोकने सुरक्षाबलों ने नेशनल असेंबली की ओर आने वाले सभी प्रमुख मार्ग बंद कर दिए थे। कंटीले तार भी लगाए थे, लेकिन प्रदर्शनकारी उन्हें लांघकर असेंबली के मुख्य द्वार तक आ पहुंचे।
जून के आखिर में फिर आंदोलन की चेतावनी
आंदोलनकारियों ने सरकार को चेताया कि अगर उनकी सैलरी में 25% की वृद्धि नहीं की गई, तो जून के अंत में फिर से प्रदर्शन किया जाएगा। हालांकि सरकार ने इस मामले में समीक्षा करने का आश्वासन दिया, तब प्रदर्शन समाप्त हुआ।
विपक्षी दल ने किया कर्मचारियों का समर्थन
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी कर्मचारियों की मांग का समर्थन किया है। बिलावल ने प्रदर्शनकारियों से बात करते हुए कहा कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी पाकिस्तान के लोगों से झूठ बोलती है और सरकारी कर्मचारियों के साथ किए गए वादों और समझौतों को पूरा नहीं करती है। जरदारी ने कर्मचारियों के आंदोलन पर फोकस करने के लिए मीडिया को धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि मीडिया को गरीबों की आवाज बनना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि मीडिया PTI सरकार द्वारा पिछले तीन सालों पाकिस्तान की गरीब जनता के साथ हुए अन्याय का खुलासा करेगा।
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