
Pakistan Army: हमारे पड़ोस में पाकिस्तान नाम का ऐसा देश है जो अपनी सुरक्षा के लिए सेना नहीं रहे हुए है। बल्कि सेना इस देश को चला रही है। भारत में जिस तरह टाटा, बिरला और अडानी, अंबानी के बिजनेस साम्राज्य हैं। उसी तरह पाकिस्तान में सेना के पास 100 से अधिक कंपनियां हैं। सेना प्रमुख आसिम मुनीर अपने सैनिकों का नेतृत्व करने के साथ ही किसी CEO की तरह 100 से ज्यादा कंपनियां भी चलाता है।
पाकिस्तानी सेना को अक्सर पाकिस्तान का सबसे बड़ा व्यापारिक समूह बताया जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार यह 100 से ज्यादा कंपनियां चलाती है। इनसे करोड़ों रुपए का मुनाफा होता है। पाकिस्तान भले कंगाल हो, इसके प्रधानमंत्री दूसरे देशों में जाकर कर्ज मांग रहे हों, लेकिन इसकी सेना और सेना के बड़े अधिकारी जमकर पैसा बना रहे हैं।
पाकिस्तान की सेना जिन 100 से ज्यादा कंपनियों को चलाती है उससे सेना प्रमुख जैसे टॉप अधिकारियों को खूब आमदनी होती है। पाकिस्तान में सेना प्रमुख होना सिर्फ एक सैन्य नौकरी नहीं है। यह एक विशाल निगम के सीईओ होने जैसा भी है।
पाकिस्तान की सेना की पहुंच रक्षा से कहीं आगे तक जाती है। रियल एस्टेट बाजार में इसका बड़ा नियंत्रण है। यह फौजी फाउंडेशन, आर्मी वेलफेयर ट्रस्ट, शाहीन फाउंडेशन और बहरिया फाउंडेशन जैसे कई बड़े संगठनों का संचालन करती है। यूं तो इन्हें कल्याणकारी संस्थाएं कहा जाता है, लेकिन ये व्यवसायिक निगमों की तरह काम करती हैं।
पाकिस्तानी लेखिका आयशा सिद्दीका ने अपनी किताब मिलिट्री इंक: इनसाइड पाकिस्तान्स मिलिट्री इकॉनमी में बताया है कि सेना की कारोबारी जड़ें कितनी गहरी हैं। सीमेंट और बैंकिंग से लेकर डेयरी, ट्रांसपोर्ट और रियल एस्टेट तक, सेना का हाथ कई क्षेत्रों में है। कराची, लाहौर और इस्लामाबाद जैसे शहरों में राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर ली गई जमीन को मुनाफे वाले हाउसिंग प्रोजेक्ट में बदल दिया गया है।
सेना द्वारा चलाए जा रहे सबसे मशहूर रियल एस्टेट ब्रांड डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी (डीएचए) की कीमत अरबों डॉलर में है। अनुमान के अनुसार सेना के कारोबार की कुल कीमत 40 से 100 अरब अमेरिकी डॉलर (3.37 से 8.42 लाख करोड़ रुपए) के बीच हो सकती है। जहां तक पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर की संपत्ति की बात है यह घोषित रूप से करीब 6.7 करोड़ रुपए है। हालांकि, अनुमान है कि इनकी असल संपत्ति इससे बहुत अधिक हो सकती है।
जनरल मुनीर इमाम का बेटा है। मुनीर ने 2018 में पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी ISI (Inter-Service Intelligence) के प्रमुख का पद संभाला था। वह लंबे समय तक इस पद पर नहीं रह पाए। पद संभालने के आठ महीने बाद ही तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के आदेश पर मुनीर की जगह लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को नियुक्त कर दिया गया था।
इमरान खान को सत्ता से हटाए जाने के बाद मुनीर को सेना प्रमुख बनाया गया। उनका सेना में उनका करियर 1986 में शुरू हुआ था। मंगला में ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल (ओटीएस) से स्नातक होने और प्रतिष्ठित स्वॉर्ड ऑफ ऑनर जीतने के बाद मुनीर को फ्रंटियर फोर्स रेजिमेंट की 23वीं बटालियन में कमीशन मिला था।
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