पाकिस्तान की साजिश नाकाम, सिक्योरिटी काउंसिल ने 2 भारतीयों को आतंकी घोषित करने की मांग ठुकराई

पाकिस्तान हमेशा से ही भारत के खिलाफ साजिश रचने का काम करता है। वो अक्सर एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन करता है। ऐसे में उसने भारत के खिलाफ यूएन में एक और साजिश रची थी, जो कि अब नाकाम हो चुकी है। दरअसल, यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में पाकिस्तान की भारत के खिलाफ एक और चाल नाकाम हो गई।

Asianet News Hindi | Published : Sep 3, 2020 6:48 AM IST / Updated: Sep 04 2020, 04:32 PM IST

न्यूयॉर्क. पाकिस्तान हमेशा से ही भारत के खिलाफ साजिश रचने का काम करता है। वो अक्सर एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन करता है। ऐसे में उसने भारत के खिलाफ यूएन में एक और साजिश रची थी, जो कि अब नाकाम हो चुकी है। दरअसल, यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में पाकिस्तान की भारत के खिलाफ एक और चाल नाकाम हो गई। पाकिस्तान ने 2 भारतीयों को आतंकी घोषित करने वाला प्रस्ताव पेश किया। इसे सिक्योरिटी काउंसिल ने खारिज कर दिया गया। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरूमूर्ति ने यह जानकारी एक ट्वीट करके दी।

इस साल यह दूसरा मौका है जब पाकिस्तान ने इस तरह की हरकत की। दोनों बार दो-दो भारतीयों को आतंकी घोषित कराने की कोशिश की और दोनों ही बार उसे नाकामी हाथ लगी।

कमेटी के सामने रखा प्रस्ताव

यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की एक कमेटी है, जिसे 1267 कमेटी कहा जाता है। यह आतंकी गतिविधियों में शामिल किसी भी देश के नागरिकों को प्रतिबंधित सूची में रख सकती है। इनकी जांच की जाती है, फिर इन पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं। इनमे ट्रैवल बैन और अकाउंट फ्रीज करना शामिल है। पाकिस्तान ने दो भारतीयों अंगारा अप्पाजी और गोविंदा पटनायक को आतंकी घोषित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया।

इस साल 4 भारतीयों को आतंकी घोषित करने की रची थी साजिश 

इन दोनों को मिलाकर इस साल पाकिस्तान ने कुल चार भारतीयों को आतंकी घोषित कराने की साजिश रची थी। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जाता है कि ये चारों ही अफगानिस्तान में काम करते थे। यहां तालिबान की मदद से पाकिस्तान भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने चार भारतीयों को आतंकी घोषित कराने की चाल चली थी। इसे भारतीय खुफिया एजेंसियों ने भांप लिया था। एक खुफिया मिशन के तहत इन्हें भारत पहुंचाया गया। 

पाकिस्तान का प्रस्ताव किया खारिज 

सिक्योरिटी काउंसिल में शामिल अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और बेल्जियम ने पाकिस्तान का यह प्रस्ताव खारिज कर दिया और इस पर आगे की कार्रवाई भी रोक दी। तिरूमूर्ति ने कहा, 'पाकिस्तान 1267 कमेटी का इस्तेमाल अपनी सियासत के लिए करना चाहता है। वो इसे मजहबी रंग देना चाहता है। लेकिन, काउंसिल ने उसकी चाल कामयाब नहीं होने दी। हम इसके लिए इन मेंबर्स के शुक्रगुजार हैं।'

एक साल में पाकिस्तान ने दूसरी बार मुंह की खाई

खास बात यह है कि पाकिस्तान ने इस साल लगातार दूसरी बार भारतीय नागरिकों को आतंकवादी घोषित कराने की कोशिश की और दोनों ही बार उसकी चाल नाकाम हो गई। जनवरी में उसने दो भारतीय नागरिकों अजॉय मिस्त्री और वेणु माधव डोंगरा की गतिविधियों को संदिग्ध बताते हुए इन्हें आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन, तब भी यह चाल उल्टी साबित हुई।

बार-बार ऐसी हरकत क्यों कर रहा है पाकिस्तान 

पाकिस्तान की इस हरकत को लेकर कहा जा रहा है कि इसकी कई वजहें है, जो कि पाकिस्तान बार-बार ऐसी हरकत कर रहा है। लेकिन, हालिया घटनाक्रम ज्यादा अहम है। दरअसल, भारत ने यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के फाउंडर मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश किए और साबित कर दिया कि वो भारत में आतंकी हमले करवाने की साजिश में शामिल है। सबूतों से साफ हो गया था कि अजहर के लिंक अल कायदा और तालिबान से भी हैं। इसके बाद सिक्योरिटी काउंसिल ने जैश सरगना को ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित कर दिया। पाकिस्तान अब भारत से इसी का बदला लेने की कोशिश कर रहा है।

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