आतंकवाद बनेगा पाकिस्तान का भस्मासुर: तहरीक-ए-तालिबान के साथ खूंखार आतंकी संगठन लगे जुड़ने, मचाएंगे तबाही

पाकिस्तान का प्रतिबंधित आतंकी ग्रुप टीटीपी यानी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान में लगातार लाशें बिछा रहा है। प्रतिबंध के बावजूद यह लगातार सक्रिय होकर पाकिस्तानी हुकूमत को चुनौती दे रहा।

Tehreek-e-Taliban Pakistan: पड़ोसी देशों में अशांति फैलाने वाले पाकिस्तान के घर में ही आतंक की आग तेजी से फैलने वाली है। पाकिस्तान में सक्रिय दो खूंखार आतंकी गुटों ने हाथ मिला लिया है। घातक आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और बलूचिस्तान में सक्रिय एक अन्य आतंकी संगठन ने गठबंधन कर अब कहर बरपाने का निर्णय लिया है। पिछले कुछ महीनों से दोनों संगठन पाकिस्तान के अलग-अलग प्रांतों में आतंकी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। 

बलूचिस्तान में सक्रिय आतंकी गुट शामिल हो रहे हैं टीटीपी में...

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प्रतिबंधित आतंकी संगठन टीटीपी के प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी ने बताया कि दक्षिणी बलूचिस्तान के मकरान जिले का रहने वाला अलगाववादी नेता मजार बलूच अब आतंकी समूह टीटीपी में शामिल हो गया है। वह अपने ग्रुप के साथ टीटीपी से जुड़ा है। मजार बलूच का संगठन बलूच मुक्ति और अलगाववादी ग्रुप्स का सबसे प्रभावशाली माना जाता रहा है। इसके पहले जून में असलम बलूच के नेतृत्व वाला बलूची अलगाववादी संगठन भी टीटीपी में शामिल हुआ था। अबतक 22 अलगाववादी संगठन टीटीपी के साथ आ चुके हैं। यह सभी शरिया कानून की मांग कर रहे हैं।

पाकिस्तान का प्रतिबंधित आतंकी ग्रुप टीटीपी यानी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान में लगातार लाशें बिछा रहा है। प्रतिबंध के बावजूद यह लगातार सक्रिय होकर पाकिस्तानी हुकूमत को चुनौती दे रहा। बीते दिनों ही एक पुलिस स्टेशन व एंटी-टेररिस्ट सेंटर पर कब्जा इस संगठन ने कर लिया था। हालांकि, इस काउंटर अटैक में सुरक्षा बलों ने कई दर्जन टीटीपी आतंकियों को मार गिराया था। बताया जा रहा है कि अब टीटीपी के साथ अन्य आतंकी संगठन आ रहे ताकि मजबूत होकर आगे की रणनीति तय कर सकें। 

टीटीपी के साथ आने लगे खूंखार अलगाववादी

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान 2007 में अस्तित्व में आया था। यह संगठन विभिन्न अलगाववादी संगठनों को एकसाथ लाने के लिए बनाया गया था। लेकिन बाद में दिनों में कोई खास सफलता नहीं मिली थी। हालांकि, अब यह संगठन मजबूती से उभरा है। इसी के साथ तमाम खतरनाक अलगाववादी संगठन साथ आने लगे हैं। अभी तक 22 संगठन इससे जुड़ चुके हैं। इन संगठनों को साथ लाने के लिए सुलह कराने का काम अफगान के तालिबान कर रहे हैं। आतंकवादियों के साथ आ रहे छोटे समूहों में घातक जमातुल अहरार भी शामिल है। बीते दिनों टीटीपी ने सरकार के साथ संघर्ष विराम के समझौते को तोड़ते हुए आतंकी हमले शुरू कर दिए थे। बीते कुछ दिनों में टीटीपी ने पाकिस्तान में कई बड़े हमले किए हैं।

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