कश्मीर को लेकर राग अलाप रहे पाकिस्तान के लिए POK में खड़ीं हो रहीं मुश्किलें

पाकिस्तान लगातार कश्मीर को लेकर प्रोपेगेंडा के तहत झूठ फैला रहा है। कश्मीर पर भारत के सरकार के फैसले के बाद से पाकिस्तान कश्मीर को लेकर अंतरराष्ट्रीय सुमदाय में झूठ फैला रहा है। हालांकि, हर मंच पर उसे मुंह की खानी पड़ी। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 20, 2019 7:25 AM IST

वॉशिंगटन. पाकिस्तान लगातार कश्मीर को लेकर प्रोपेगेंडा के तहत झूठ फैला रहा है। कश्मीर पर भारत के सरकार के फैसले के बाद से पाकिस्तान कश्मीर को लेकर अंतरराष्ट्रीय सुमदाय में झूठ फैला रहा है। हालांकि, हर मंच पर उसे मुंह की खानी पड़ी। कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर झूठ फैला रही इमरान सरकार ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आजादी की मांग कर रहे लोगों पर पाबंदियां लगा रखी हैं। 

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार POK में रहने वाले लोगों को साफ हिदायत दी है कि यहां लोग आजादी को लेकर कोई बात नहीं करेंगे।

पीओके में बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात
न्यूयॉर्क टाइम्स के कई पत्रकार जो पिछले दिनों से पीओके में थे, उन्होंने बताया कि यहां आजादी को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। पिछले दिनों से इनमें काफी इजाफा हुआ है। इसके चलाता पाकिस्तान सरकार ने यहां बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की है।  

कश्मीर पर भारत के फैसले के बाद पीओके में आतंकी सक्रिय
पीओके के लोगों ने बताया कि पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान ने अपना प्रभुत्व यहां बढ़ा दिया है, खासकर के भारत से बातचीत बंद होने के बाद और भी अधिक सेना की तैनाती की गई है। 

कश्मीर से धारा 370 हटाने के भारत के कदम के बाद से आतंकवादी और सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में पाकिस्तान को डर है कि अगर उसने इन्हें काबू नहीं किया तो अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों भी झेलने पड़ सकते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि हजारों की संख्या में लोग पाकिस्तान के खिलाफ सड़कों पर हैं और आजादी की मांग कर रहे हैं। 

विरोध-प्रदर्शनों को मीडिया नहीं दे रहा जगह
पीओके में आजादी को लेकर लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। लेकिन मीडिया इन्हें नहीं दिखा रहा। इसके अलावा इन क्षेत्रों में इंटरनेट और मोबाइल फोन पर भी रोक लगा दी है। पाक सेना का कहना है कि ये प्रदर्शन भारत प्रायोजित हैं। 

पीओके के राष्ट्रपति मसूद खान ने पाकिस्तान की कार्रवाई का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा उपायों के चलते भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई है। स्थानीय लोगों ने मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की है।

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