
न्यूयॉर्क. संयुक्त राष्ट्र में तुर्की ने मंगलवार को कश्मीर का मुददा उठाया। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहा कि यह मसला न्याय और समानता के आधार पर बातचीत से हल होना चाहिए। तुर्की एकमात्र मुस्लिम देश है जिसने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त को समाप्त किये जाने के भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान का समर्थन किया है।
72 सालो से समाधान की राह देख रहा है कश्मीर : एर्दोआन
संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण में एर्दोआन ने कहा कि दक्षिण एशिया की स्थिरता और समृद्धि को कश्मीर मुद्दे से अलग नहीं किया जा सकता। उन्होंने मंगलवार को यहां आम चर्चा में कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय एक और जिस समस्या पर पर्याप्त तरीके से ध्यान नहीं दे रहा, वो कश्मीर का संकट है। इसे 72 साल से समाधान का इंतजार है।’’
समाधान बातचीत से निकले न कि टकराव से
एर्दोआन ने कहा कि कश्मीर के लोग पाकिस्तान और भारत के लोगों के साथ अपना सुरक्षित भविष्य देख सकें, इसके लिए जरूरी है कि न्याय और समानता के आधार पर बातचीत के जरिये समस्या का समाधान किया जाए, ना कि टकराव के रास्ते।
इमरान खान ने इतर राष्ट्रपति से की मुलाकात
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने यूएनजीए के 74वें सत्र से इतर राष्ट्रपति एर्दोआन से मुलाकात की और उनके साथ द्विपक्षीय संबंधों तथा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किये जाने के बाद के ताजा हालात पर चर्चा की।
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