
नई दिल्ली. कोरोना की वजह से पाकिस्तान में दिन ब दिन स्थिति खराब होती जा रही है। यहां 23 मार्च तक तक 803 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें से 6 की मौत हो चुकी है। इतने के बाद भी प्रधानमंत्री इमरान खान पूरे देश में लॉकडाउन करने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा, ऐसा करना संभव नहीं है, क्योंकि देश की एक चौथाई यानी 25% आबादी गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करती है।
"देश की 25% आबादी दैनिक वेतनभोगी"
प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा, "पूरी तरह से लॉकडाउन का मतलब है, आर्मी और प्रशासन द्वारा कर्फ्यू लगा दिया जाना। जाहिर है इसमें लोगों को घर में रहने को कहा जाएगा। देश की 25% आबादी दैनिक वेतनभोगी है। जमीनी हकीकत को ध्यान में रखकर हम ऐहतियाती कदम उठा रहे हैं। हमें बुजुर्गों और बाकी लोगों का ख्याल है। सुरक्षा के लिए सामाजिक रूप से दूरी खुद को आइलोलेशन और क्वारैंटाइन में रखना जरूरी है।"
- इमरान ने यह भी सलाह दी कि डरें नहीं, क्योंकि इससे लोगों में घबराहट बढ़ेगी। अनाज की जमाखोरी बढ़ने से खाने की कमी हो जाएगी। इसके नतीजे खतरनाक होंगे। संकट से निपटने की हम पूरी कोशिश कर रहे हैं। डर को रोकने में मीडिया का रोल भी अहम होगा। डर बीमारी से ज्यादा खतरनाक साबित होगा। अपनी जिम्मेदारी निभाएं और सावधानी बरतकर खुद और दूसरों को सुरक्षित रखें।
5 दिन में पाकिस्तान में तेजी से बढ़े मामले
शुरुआत में पाकिस्तान में कम मामले थे, लेकिन पिछले 5 दिनों में कोरोना संक्रमित लोगों की अचानक संख्या बढ़ गई। दुनियाभर के देशों की लिस्ट में पाकिस्तान अब टॉप 30 में शामिल हो चुका है, जहां पर कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर है।
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