
Imran Khan Death Rumour: क्या पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) संस्थापक इमरान खान की मौत हो गई है? सोशल मीडिया पर यह अफवाह तेजी से फैल रही है। अफगानिस्तान स्थित एक मीडिया आउटलेट ने इस खबर को फैलाया, जिसके बाद नेटिजन्स X (ट्विटर) और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस खबर को तेजी से शेयर करने लगे। इस बीच इमरान खान की तीन बहनों नूरीन खान, अलीमा खान और उस्मा खान ने दावा किया है कि रावलपिंडी के आदियाला जेल के बाहर जब वे अपने भाई से मिलने की अनुमति मांग रही थी, तब पुलिस ने उन पर बेरहमी से हमला किया।
इमरान खान की बहनों ने पंजाब पुलिस प्रमुख उस्मान अनवर को लिखे पत्र में बताया कि उन पर हमला पहले से ही प्लान का हिस्सा था और बिना किसी उकसावे के हुआ। नूरीन नियाज ने कहा, 'हम अपने भाई की सेहत को लेकर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। हमने न तो सड़क ब्लॉक की, न किसी की आवाजाही में बाधा डाली और न ही कोई गैरकानूनी गतिविधि की। इसके बावजूद बिना किसी चेतावनी के सड़क की लाइटें बंद कर दी गईं और पंजाब पुलिस ने क्रूर हमला किया।' 71 साल नूरीन ने कहा कि उन्हें बाल पकड़कर जमीन पर फेंक दिया गया और सड़क पर घसीटा गया, जिससे उन्हें स्पष्ट चोटें आईं। अन्य महिलाओं को भी थप्पड़ मारे गए और घसीटा गया। बहनों ने कहा कि यह हमला तीन साल से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे नागरिकों के खिलाफ पुलिस की एक व्यापक हिंसक नीति का हिस्सा है। उन्होंने आईजी पंजाब से सभी संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की।
इमरान खान कई मामलों को लेकर अगस्त 2023 से आदियाला जेल में बंद हैं। PTI के अनुसार, उन्हें पूरी तरह अलग और एकांत कारावास में रखा गया है। मुलाकातों पर प्रतिबंध लगाया गया है, यहां तक कि उनके कानूनी प्रतिनिधियों और जरूरी चीजों तक पहुंच भी रोकी गई है। उनके वकील खालिद यूसुफ चौधरी का कहना है, 'यहां जंगल का कानून चलता है, जहां केवल शासक का अधिकार है। बाकी किसी का कोई अधिकार नहीं है।' खैबर-पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफ्रीदी को भी इमरान खान से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। अफ्रीदी ने सात बार प्रयास किया, लेकिन जेल अधिकारियों ने उनकी मुलाकात रोकी, जिनका कथित रूप से नियंत्रण सेना अधिकारी के पास था।
यह पहला मौका नहीं है जब इमरान खान की मौत की अफवाहें सोशल मीडिया पर फैली हों। मई 2025 में भी इसी तरह की झूठी खबरें वायरल हुई थीं, जिसमें दावा किया गया था कि पूर्व प्रधानमंत्री को उनके घर में गोलियों से मार दिया गया या हमला किया गया। इतना ही नहीं, एक झूठे प्रेस रिलीज को भी सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया गया, जिसे पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का बताया गया। इस प्रेस रिलीज में कहा गया कि इमरान खान की मौत हो गई। बाद में पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इस प्रेस रिलीज को फेक बताया और जनता से अपील की कि वे इस तरह के बहकावे में न आए। इधर एक बार फिर इमरान खान की मौत की अफवाहों के बाद PTI के हजारों समर्थक जेल के बाहर जमा हो गए और अधिकारियों से अपने नेता की सेहत की जानकारी देने की मांग की। बढ़ते दबाव के कारण सैन्य सरकार ने जेल के आसपास सैकड़ों अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी तैनात किए।
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