
Pakistan Defence Budget: भारत के साथ दुश्मनी और बड़ी सेना रखने के चक्कर में पाकिस्तान कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। कुल कर्ज चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में लगभग 76,000 अरब पाकिस्तानी रुपए (लगभग 270 अरब अमेरिकी डॉलर) तक बढ़ गया है। इसके बाद भी पाकिस्तान कुछ सीखने को तैयार नहीं दिखता।
पाकिस्तान की सरकार और सेना ने विकास की जगह हथियार खरीदने को प्राथमिकता दी है। इसके चलते उसने अपने डिफेंस बजट में 20 फीसदी की वृद्धि की है। मई में भारत के साथ हुए सैन्य संघर्ष में पाकिस्तान को जिस कदर मुंह की खानी पड़ी वह बेचैन है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार द्वारा मंगलवार को पेश किए गए बजट में रक्षा खर्च में 20 प्रतिशत की भारी वृद्धि की गई है। हालांकि कुल खर्च में 7 प्रतिशत की कटौती की गई है। इसका सीधा मतलब है कि सरकार सेना पर खर्च बढ़ा रही है, लेकिन विकास के काम और जनता की भलाई पर खर्च घटा रही है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने उम्मीद जताई कि आगामी वित्त वर्ष में आर्थिक विकास 4.2 प्रतिशत तक होगा। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद ने अर्थव्यवस्था को स्थिर किया है। पाकिस्तान 2023 तक कर्जों के चलते दिवालिया होने की कगार पर था।
पाकिस्तान ने 2024-25 के लिए 5.9 प्रतिशत के लक्ष्य के मुकाबले सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.9 प्रतिशत के घाटे का अनुमान लगाया है। मुद्रास्फीति 7.5 प्रतिशत और विकास 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
नए बजट में जुलाई-जून 2025-26 में रक्षा के लिए 2.55 ट्रिलियन रुपए (9 बिलियन डॉलर) आवंटित किए गए। इसमें सैन्य पेंशन के लिए दिए गए 742 बिलियन पाकिस्तानी रुपए (2.63 बिलियन डॉलर) शामिल नहीं हैं। इससे पूरा रक्षा बजट 3.292 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपए (11.67 बिलियन डॉलर) हो जाता है।
भारत ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए रक्षा बजट 6,81,210.27 करोड़ रुपए रखा है। पिछले वर्ष की तुलना में 9.53 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
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