
जैनेवा. दुनियाभर में आतंकवाद को बढ़ावा देने को लेकर अपनी किरकिरी झेल रहे पाकिस्तान पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) की बैठक में निशाना साधा है। यूएनएचआरसी के 45वें सत्र की बैठक स्वीट्जरलैंड स्थित जैनेवा में चल रही है। बैठक के संबोधन में भारत के सचिव पवन बाधे ने बताया कि हाल ही में भारत ने पाया कि पाकिस्तानी आतंकवादी समूह सोशल मीडिया के माध्यम से भारत में घृणा फैलाने वाले भाषणों, फर्जी समाचारों से गलत सूचना को प्रसारित करने का काम कर रहे हैं। ये आतंकवादी उन लोगों को टारगेट कर भ्रमित करते हैं जो ऑनलाइन माध्यमों या सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय रहते हैं। उन्होंने इसे राज्य के लिए बड़ा खतरा बताया है।
पवन ने बताया कि ये आतंकवादी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और भारत के कश्मीरी युवाओं को भ्रमित करने के लिए चेरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर पैसा एकत्रित करते हैं और उस पैसे से बेरोजगार और कमजोर लोगों को अपने आतंकवादी कैडर में भर्ती करते हैं । फिर यही लोग आतंकवादी बनकर सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हैं। ये समूह पीओके और भारत में कश्मीर के लोगों के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए एक गंभीर खतरा बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद लोकतंत्र को कमजोर करने के साथ लोगों के विचार, अभिव्यक्ति और संघ की स्वतंत्रता के पर भी हमला करता है।
पीओके के कार्यकर्ता ने भी यूएन में पाकिस्तान को किया बेनकाब
पीओके के मानवाधिकार कार्यकर्ता सज्जाद राणा ने शुक्रवार को यूएनचआरसी की बैठक में पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि आजाद कश्मीर चुनाव अधिनियम (2020) को पीओके में लागू करके पाकिस्तान ने हमारे सारे अधिकार छीन लिए हैं। हमारे साथ पीओके में जानवरों की तरह बर्ताव किया जा रहा है। पाकिस्तान में जो भी उसकी की गैराकानूनी गतिविधियों से असहमत होते हैं उनकी हत्या कर दी जाती है। पाकिस्तान पीओके और सीमापार भारत के युवाओं का भी ब्रेन वॉश कर रहा है। उसने हमारी आजादी छीन ली है। वो हमारी आवाज को दबाता है लेकिन हमें उम्मीद है कि हमारी आवाज यहां यूएन में सुनी जाएगी। हम शांति और प्रेम की दुनिया यूएन से भीख मांगते हैं कि हमारे साथ न्याय किया जाए। पाकिस्तान अब गिलगित बाल्टिस्तान को अपना प्रांत घोषित करने की कोशिश कर रहा है जिससे हमारी जमीज, पहचान और संस्कृति खत्म हो जाएगी। पाकिस्तानी सेना के अफसर कश्मीरी लोगों से खुले तौर पर आत्मघाती हमला करने के लिए जाने को कहते हैं, वे उन्हें उकसाते हैं जोकि एक बेहद चिंताजनक स्थिति है।
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