102 अधिकारियों के खिलाफ जांच का आदेश हुआ है। मिलिट्री कोर्ट ने यह फैसला दिया है। मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कार्रवाई की जानकारी देते हुए कहा कि यह साबित हो गया है कि सजा देते समय सेना कार्रवाई में भेदभाव नहीं करती।
Pakistan Violence 9th may: पाकिस्तान में 9 मई को हुई हिंसा के मामले में 11 अधिकारियों का कोर्ट मार्शल किया गया है। इसके अलावा 102 अधिकारियों के खिलाफ जांच का आदेश हुआ है। मिलिट्री कोर्ट ने यह फैसला दिया है। पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर-जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद 9 मई को भड़की हिंसा निस्संदेह देश के खिलाफ एक साजिश थी। महीनों से तैयार किया जा रहा था।
आईएसपीआर के डायरेक्टर-जनरल ने कार्रवाई के बारे में क्या बताया?
मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने एक लेफ्टिनेंट-जनरल सहित तीन अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। 9 मई की हिंसा के दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों की रक्षा करने में विफल रहने के लिए तीन मेजर जनरलों और सात ब्रिगेडियरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मेजर-जनरल चौधरी ने कहा कि 9 मई की घटना बेहद निराशाजनक, निंदनीय और हमारे देश के इतिहास में एक काला अध्याय है। यह घटना निस्संदेह पाकिस्तान के खिलाफ एक साजिश थी। उन्होंने कहा कि 9 मई की घटनाओं को न तो भुलाया जाएगा और न ही इसके योजनाकारों और सूत्रधारों को माफ किया जाएगा। अब तक की गई जांच से यह साबित हो गया है कि 9 मई की योजना पिछले कई महीनों से बनाई जा रही थी।
सेना कार्रवाई में भेदभाव नहीं करती
मेजर जनरल चौधरी ने कार्रवाई के बारे में बताया कि बर्खास्त अधिकारियों में एक ट्रिपल स्टार अधिकारी, एक लेफ्टिनेंट जनरल शामिल है। जबकि तीन मेजर जनरल और सात ब्रिगेडियर्स सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि दिए गए दंडों से आप यह मान सकते हैं कि सेना स्वयं को जवाबदेह ठहराते समय भेदभाव नहीं करती है।