ये कैसी दोस्ती: Afghanistan के लोगों के लिए खाद्यान्न पहुंचाने का रास्ता नहीं दे रहा Pakistan

अफगानिस्तान की मदद के लिए बीते दिनों ही यूरोपीय यूनियन (EU) ने भी मदद की बात कही थी। भारत भी मदद को आगे आया है। लेकिन पाकिस्तान लगातार अड़ंगा लगा रहा। 

नई दिल्ली। अफगानिस्तान (Afghanistan) की तालिबान सरकार (Taliban Government) की राग में राग मिलाने वाला पाकिस्तान (Pakistan) वहां के लोगों की मदद का केवल दिखावा कर रहा है। अफगानिस्तान में भूखमरी और गरीबी चरम पर पहुंचने लगी है लेकिन पाकिस्तान अपनी राजनीति में ही व्यस्त है। भारत अफगानिस्तान के लोगों के लिए अनाज भेजना चाह रहा लेकिन पाकिस्तान रास्ता ही नहीं दे रहा ताकि मदद पहुंचायी जा सके। 

वैश्विक समुदाय के दबाव के बाद इमरान बोले- विचार करेंगे

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अफगानिस्तान की मदद के लिए बीते दिनों ही यूरोपीय यूनियन (EU) ने भी मदद की बात कही थी। भारत भी मदद को आगे आया है। लेकिन पाकिस्तान लगातार अड़ंगा लगा रहा। हालांकि, वैश्विक समुदाय की किरकिरी से बचने के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने कहा कि वह पाकिस्तान के जरिए भारतीय गेहूं के पारगमन को अनुमति देने के अफगानिस्तान के अनुरोध पर विचार करेंगे। पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय से युद्धग्रस्त देश के लोगों के सामने आ रहे मानवीय संकट को रोकने के लिए अपनी सामूहिक जिम्मेदारी निभाने का आग्रह किया। 

हम विचार कर रहे: इमरान

इमरान खान ने कहा, 'हम भारतीय गेहूं को पाकिस्तान के जरिए जाने देने के अपने अफगान भाइयों के अनुरोध पर भी विचार करेंगे।' पाक प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री ने यह बताया कि मौजूदा संदर्भ में पाकिस्तान, भारत द्वारा दिए गए गेहूं को मानवीय उद्देश्यों के लिए असाधारण आधार पर पाकिस्तान से गुजरने देने के अफगान भाइयों के अनुरोध पर विचार करेगा।'

तालिबान की अंतरिम सरकार के विदेश मंत्री पहुंचे पाकिस्तान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का भारतीय गाड़ियों को अफगानिस्तान तक पहुंचाने के लिए विचार करने संबंधी बयान तब आया जब तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी इस्लामाबाद पहुंचे हैं। तालिबानी मंत्री बीस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पाकिस्तान के दौरे पर हैं। 

भारत हमेशा से करता रहा है मदद

भारत पहले से ही अफगानिस्तान का मित्र रहा है। पाकिस्तान से रिश्ते तल्ख होने जाने के बावजूद अफगानिस्तान से कोई खास सियासी रार नहीं हुआ है। पिछली बार तालिबान से सत्ता जाने के बाद भारत ने अरबों डॉलर के प्रोजेक्ट अफगानिस्तान में लगाए। अभी भी वह वहां के विकास संबंधी ढेर सारी परियोजनाओं में भागीदार रहा है। यही नहीं मानवीय आधार पर समय-समय पर मदद भी भारत सरकार करती रही है। पिछले एक दशक में भारत वहां दस लाख मीट्रिक टन गेहूं भेज चुका है। बीते 15 अगस्त को तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में त्राहिमाम मचा हुआ है। भूखमरी तेजी से पांव पसार रही है। 

 

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