पीपीडीए (PPDA) के चेयरमैन अब्दुल समी खान का कहना है कि पेट्रोल डीलर बढ़ती लागत और कम मुनाफे के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली के दाम भी बढ़ रहे हैं। लेकिन सरकार (Pakistan Government) ने ईंधन तेल की बिक्री पर केवल 2 फीसदी मुनाफे की गारंटी दी है।
इस्लामाबाद। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) में अब पेट्रोल पंप डीलर्स (Petrol Pump Dealers) ने मोर्चा खोल दिया है। पेट्रोल पंप डीलर्स अपना मुनाफा छह प्रतिशत (profit 6 percent) बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। जबकि महंगाई और खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को देखते हुए कोई फैसला नहीं ले पा रही है। अब एसोसिएशन ने 25 नवंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल (national Strike) का ऐलान कर दिया है।
ऑल इंडिया पाकिस्तान पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन (PPDA) के सूचना सचिव नौमान अली (Nauman Ali) ने कहा कि 25 नवंबर को देशभर में पेट्रोल पंप बंद रहेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी, जिसके चलते उन्हें ये फैसला लेना पड़ा है।
पीपीडीए (PPDA) के चेयरमैन अब्दुल समी खान का कहना है कि पेट्रोल डीलर बढ़ती लागत और कम मुनाफे के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली के दाम भी बढ़ रहे हैं। लेकिन सरकार (Pakistan Government) ने ईंधन तेल की बिक्री पर केवल 2 फीसदी मुनाफे की गारंटी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार को उनके लाइसेंस रद्द कर देने चाहिए, फिर 50 फीसदी पेट्रोल पंप अपनेआप बंद हो जाएंगे क्योंकि कोई भी दोबारा आवेदन नहीं करेगा।
मुनाफा छह फीसदी करने तक सरकार से कोई बातचीत नहीं
नौमान अली ने कहा कि सरकार के साथ तब तक कोई बात नहीं की जाएगी, जब तक वह मुनाफा 6 फीसदी तक नहीं बढ़ा देती। सरकार पेट्रोल डीलरों का मार्जिन बढ़ाने में काफी आनाकानी कर रही है। उन्होंने कहा कि 5 नवंबर को देशभर में हड़ताल करने का ऐलान किया गया था लेकिन ऊर्जा मंत्री हमद अजहर के नेतृत्व वाले सरकारी प्रतिनिधिमंडल और एसोसिएशन के बीच बातचीत में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की बिक्री में मुनाफा बढ़ाने में सहमति हो गई थी।
हालांकि, सरकार ने कमेटी बना दी है
दोनों पक्षों में बातचीत के बाद पेट्रोलियम सचिव डॉक्टर अरशद महमूद के नेतृत्व में एक कमेटी भी गठित की गई थी। इसमें सभी पक्षों को शामिल किया गया था। ताकि 15 नवंबर तक ईसीसी और संघीय कैबिनेट से अनुमोदन के माध्यम से मुनाफे में वृद्धि के समझौते के कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया जा सके। सरकार की टीम में ऑयल एंड गैस रेगुलेटरी अथॉरिटी (OGRA) के चेयरमैन और डायरेक्टर जनरल भी शामिल थे।
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