
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार से संकट टल गया है। उनकी सरकार को फ्लोर टेस्ट में 178 वोट मिले हैं। एक दिन पहले यानी शुक्रवार को इमरान खान ने व्हिप जारी करते हुए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सभी सदस्यों से पार्टी लाइन का पालन करने को कहा था।
विपक्ष ने किया बायकॉट, जूते फेंके
फ्लोर टेस्ट के दौरान विपक्ष ने बायकॉट का फैसला किया। वे संसद के बाहर ही थे। इस दौरान विवाद भी हुआ। असेंबली के बाहर विपक्ष के सांसद और नेताओं के प्रदर्शन के दौरान विवाद हुआ। इमरान खान के समर्थकों ने मुस्लिम लीग की मरियम औरंगजेब से बदमीजी की। उन्हें पैर से मारा फिर जूते भी फेंके।
फ्लोर टेस्ट के दौरान वोटिंग करते हुए सांसद
इमरान को 172 सांसदों की जरूरत थी
इमरान सरकार ने दावा किया था कि उनकी पार्टी के 179 सांसदों में से 175 ने इमरान खान का साथ देने का वादा किया है। उधर, विपक्ष ने फ्लोर टेस्ट का बायकॉट कर दिया। इमरान खान को नेशनल असेंबली में 172 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता थी। वर्तमान में कुल 342 में से 340 सदस्य हैं।
"आप जीत गए तो मैं विपक्ष में बैठूंगा"
प्रधानमंत्री खान ने पार्टी सांसदों से अपील में कहा था, मैं शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहता हूं। मैं नेशनल असेंबली में जाऊंगा। मैं सभी सदस्यों से अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करने के लिए कह रहा हूं। आप तय करें कि आप इमरान खान के साथ हां या नहीं। मैं इसका सम्मान करूंगा। अगर आप जीत गए, तो मैं विपक्ष में बैठूंगा।
फ्लोर टेस्ट की नौबत क्यों आई?
कुछ दिन पहले सीनेट चुनाव में विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार पूर्व प्रधानमंत्री सैयद यूसुफ रजा गिलानी ने पाकिस्तान के वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख को हरा दिया। इससे इमरान खान की पार्टी को बड़ा झटका लगा। इमरान की पार्टी को नेशनल असेंबली में बहुमत है। ऐसे में सवाल उठा कि अब्दुल हफीज शेख कैसे हार गए? विपक्ष ने इसका निष्कर्ष निकाला कि सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों ने अपनी ही पार्टी को वोट नहीं दिया।
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