कश्मीर पर गिड़गिड़ाए इमरान, कहा- दुनिया में सवा अरब मुसलमान, लेकिन कोई नहीं दे रहा साथ

इससे पहले, फ्रांस में चल रहे जी-7 शिखर सम्मेलन के इतर सोमवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच कश्मीर समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई। मोदी ने एक बार फिर साफ कर दिया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सारे मुद्दे द्विपक्षीय हैं।

Asianet News Hindi | Published : Aug 26, 2019 1:37 PM IST / Updated: Aug 26 2019, 07:11 PM IST

नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को अपने देश को संबोधित किया। इस मौके पर इमरान ने एक बार फिर आर्टिकल 370 और कश्मीर मुद्दे का रोना रोते हुए कहा- ''बदकिस्मती से अब तक यूएन सिर्फ ताकतवर मुल्कों के साथ खड़ा होता है। लेकिन अब मुसलमानों की मेजोरिटी, जो उनकी तरफ देख रही है, क्या वो उनकी मदद करेगा। मैं कहता हूं कि अब सवा अरब मुसलमान आपकी तरफ देख रहे हैं। क्या बड़े मुल्क सिर्फ अपने मार्केट की तरफ ही देखते रहेंगे। क्या कोई कश्मीर और कश्मीरियों पर हो रहे जुल्म के लिए आगे नहीं आएगा।"

दुनिया खड़ी हो या ना हो, पाकिस्तान कश्मीरियों के साथ...
इमरान ने आगे कहा- ''मुझे मायूसी होती है, जब मैं पढ़ता हूं कि लोग कहते हैं मुस्लिम देश कुछ नहीं कर रहे हैं। उन्हें मायूस होने की जरूरत नहीं, आने वाले समय में वो हमारा साथ देंगे। हम दुनियाभर के लीगल फोरम में कश्मीर का मुद्दा उठाएंगे और उन्हें बताएंगे कि 80 लाख कश्मीरियों के साथ कितना जुल्म हो रहा है। कर्फ्यू उठने के बाद वहां किस तरह के हालात हैं। बहुत जरूरी है कि कश्मीर के साथ दुनिया खड़ी हो या न, लेकिन पाकिस्तान हमेशा खड़ा है। हमारी कौम उनको पैगाम दे रही है कि हम आपके साथ हैं।" 

मोदी बोले- भारत-पाकिस्तान के सारे मुद्दे द्विपक्षीय
इससे पहले, फ्रांस में चल रहे जी-7 शिखर सम्मेलन के इतर सोमवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच कश्मीर समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई। मोदी ने एक बार फिर साफ कर दिया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सारे मुद्दे द्विपक्षीय हैं। मोदी ने कहा, ''भारत और पाकिस्तान के बीच सारे मुद्दे द्विपक्षीय हैं। ऐसे में हम नहीं चाहते कि किसी तीसरे देश को कष्ट दिया जाए। मुझे विश्वास है कि जो 1947 से पहले हम एक ही थे। हम मिलजुल कर समस्याओं पर चर्चा भी कर सकते हैं और उनका समाधान भी कर सकते हैं।"
 

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