
Pakistan-Afghanistan Turkiye Peace Talk: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच लंबे समय के लिए सीजफायर लागू करने पर चल रही वार्ता विफल हो चुकी है। दोनों देशों के सरकारी मीडिया ने मंगलवार दोपहर एक बयान में इसके लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया। पाकिस्तानी अधिकारियों के मुताबिक, काबुल द्वारा तार्किक और वैध मांगों को न मानने के कारण ऐसा हुआ है। वहीं, अफगानी मीडिया के मुताबिक, हमारी ओर से रचनात्मक वार्ता करने की हरसंभव कोशिश की गई, लेकिन पाकिस्तानी खेमे की जिद और गंभीरता की कमी के चलते ऐसा नहीं हो पाया। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि तुर्की के इस्तांबुल में होने वाली ये वार्ता विफल रहने के बाद अब तालिबान और पाकिस्तान के बीच कभी भी लड़ाई छिड़ सकती है।
पाक-अफगान वार्ता के विफल होने से पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की उस टिप्पणी पर भी सबका ध्यान जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर बातचीत विफल होती है तो इस्लामाबाद के पास खुले संघर्ष के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। यानी पाकिस्तानी मंत्री की इस आक्रामक बयानबाजी से तो यही लग रहा है कि दोनों देश एक बार फिर आमने-सामने हो सकते हैं। हालांकि, पाक और अफगान प्रतिनिधि अब भी तुर्की में हैं, लेकिन चौथे दौर की वार्ता के बारे में कोई अपडेट नहीं है।
इससे पहले 18-19 अक्टूबर को कतर की राजधानी दोहा में भी दोनों देशों के प्रतिनिधियों की एक बैठक हुई थी, जिसके बाद दोनों देश 48 घंटे का सीजफायर लागू करने पर राजी हुए थे। हालांकि, इस सीजफायर के बाद भी सीमा पर एक-दूसरे की तरफ से हमले होने की खबरें आती रहीं। यानी ये वार्ता भी बेनतीजा निकली।
अगस्त, 2021 में अमेरिकी फौज के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद वहां की सत्ता पर तालिबान का कब्जा है। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वो तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के जरिये समय-समय पर पाकिस्तान में आतंकवादी हमले कराता है। वहीं, तालिबान पाकिस्तान के इन आरोपों का सिरे से खंडन किया है।
तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी हाल ही में भारत के 7 दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे, जिससे पाकिस्तान बौखला गया। उसने काबुल स्थित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के नेता नूर वली महसूद को निशाना बनाते हुए बम धमाके किए। इससे भड़के तालिबान ने पाकिस्तान की चौकियों पर हमले कर उनके 54 सैनिकों को मारने का दावा किया।
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