
इस्लामाबाद: आर्थिक रूप से भारी संकट में फंसे पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से लोन मांगा था। अब, उसी IMF की शर्त के मुताबिक, पाकिस्तान अपनी सरकारी एयरलाइन, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) को बेचने जा रहा है। पिछले साल IMF ने पाकिस्तान को 62 हजार करोड़ रुपये (7 अरब डॉलर) के लोन का ऐलान किया था। लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें रखी थीं। इनमें भारी घाटे में चल रही PIA की बिक्री, पेट्रोलियम, ईंधन, बिजली की कीमतें बढ़ाना और अधिकारियों के खर्च में कटौती जैसी बातें शामिल थीं। इसी के तहत अब 23 दिसंबर को PIA की नीलामी का फैसला किया गया है। यह पिछले 2 दशकों में किसी सरकारी कंपनी का पहला निजीकरण है।
PIA को खरीदने के लिए 4 कंपनियां आगे आई हैं, जिनमें फौजी फर्टिलाइजर भी शामिल है। इस कंपनी में ज्यादातर हिस्सेदारी सेना की है। PIA के पास मौजूद 33 विमानों में से 17 उड़ान भरने की हालत में नहीं हैं। इसके अलावा, यह भी आरोप है कि कंपनी के 30% पायलटों के पास नकली लाइसेंस हैं। IMF से सबसे ज्यादा लोन लेने वाले देशों में पाकिस्तान 5वें नंबर पर है।
- आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को IMF 62 हजार करोड़ रुपये का लोन देने पर राजी हुआ।
- लेकिन घाटे में चल रही एयरलाइन कंपनी को बेचने समेत कई शर्तें लगा दीं।
- इसलिए पाक सरकार ने एयरलाइन कंपनी को बेचने का फैसला किया। यह 2 दशकों में पहला निजीकरण है।
- एयरलाइन कंपनी के पास कुल 33 विमान हैं, जिनमें से 17 उड़ान भरने की हालत में नहीं हैं।
- कंपनी के 30% पायलटों पर नकली लाइसेंस रखने का आरोप है।
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