
Pakistani Brothers Jailed in UK: पाकिस्तान से ताल्लुक रखने वाले तीन मियां भाइयों को लंदन की एक अदालत ने जेल की सजा सुनाई है। प्रेस्टन क्राउन ट्रायल कोर्ट ने तीनों को दोषी करार दिया है। 7 साल की बच्ची से रेप के मामले में इन तीनों भाइयों को गिरफ्तार किया गया था। इन तीनों के खिलाफ 1996 से 2012 के बीच कुल 62 अपराधिक केस दर्ज किए गए थे। तीनों भाइयों ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। तीनों में से दो को 22 साल की सख्त कैद और उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। तीसरे दोषी को 10 साल की जेल हुई है।
तीनों दोषी संत्रस्तों को गिफ्ट, शराब, सिगरेट देकर फुसलाते थे। बाद में, वे उन्हें धमकी देते थे कि अगर उन्होंने किसी को कुछ बताया तो उन्हें मारा-पीटा जाएगा। इस मामले की सुनवाई करने वाले जज अंसवर्थ ने कहा कि ये तीनों पुरुष बेहद खतरनाक हैं और इन्होंने संत्रस्तों का बचपन छीन लिया है। आरोपी भाइयों में लीड्स के बिस्मार्क स्ट्रीट के 49 वर्षीय शाह अमरान मियां और लीड्स के रोलैंड टेरेस के 38 वर्षीय शाह जोमन मियां, दोनों को उम्रकैद, 20 साल की सख्त कैद, और डोनकास्टर के वार्म्सवर्थ रोड के 47 वर्षीय शाह अलमान मियां को 14 साल की सजा सुनाई गई है, जिसमें कम से कम 10 साल जेल में बिताने होंगे। केस की सुनवाई के दौरान, तीनों भाई एक-दूसरे का समर्थन करते हुए अपनी गवाही दे रहे थे।
अदालत के फैसले के बाद, कुम्ब्रिया पुलिस के डिप्टी चीफ इंस्पेक्टर जॉन ग्राहम-कमिंग ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह देश के सबसे लंबे समय तक चलने वाले मामलों में से एक है। जांच के दौरान अधिकारियों को धमकाने की कोशिश की गई थी। पीड़ितों ने बहादुरी से गवाही दी है। हमें उनके साहस की सराहना करनी चाहिए। अपना फैसला सुनाते हुए जज ने आगे कहा, “आप सभी दरिंदे हैं, आपने बच्चों के साथ यौन शोषण किया है। आपने संत्रस्तों को अपने गुलामों की तरह रखा और उनके साथ बहुत बुरा बर्ताव किया। उनके साथ भोग की वस्तु की तरह क्रूरता से पेश आया गया।” जज ने सुनवाई के दौरान तीनों को 'टीम मियां' कहा था। जज इस बात से भी हैरान थे कि तीनों सच बोलने के बजाय एक-दूसरे का समर्थन कर रहे थे। अदालत ने कहा कि तीनों दोषियों की अलग-अलग यौन रुचियां हैं और उनके बीच गहरा रिश्ता है।
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